मंडला से दीपक ताम्रकार। नर्मदा किनारे बसे गांव छपरी में एक परिवार ऐसा है जहां जैसे ही बच्चे का जन्म होता है, उसका पिता अजीब किस्म की बीमारी से ग्रस्त हो जाता है। उसके शरीर का बैलेंस नहीं बन पाता, ना वो ठीक से खड़ा हो पता और ना ही पानी का ग्लास तक उठता। धीरे धीरे वो मौत के आगोश में समा जाता है। अब तक लगातार 5 पिताओं की मौत हो चुकी है और 6वां बीमार है।
मंडला से 15 किलो मीटर दूर नर्मदा नदी किनारे बसा है एक गाँव जिसका नाम है छपरी ..यहाँ एक अंजान सा मातम छाया रहता है। इस गाँव में रहने वाला नंदा परिवार पिछले तीन पीडियों से इस अभिशाप को भोग रहा है परिवार की महिला मुखिया की माने तो नंदा परिवार के सबसे बड़े मुखिया तुलसी राम नंदा थे जिनके पांच बेटे और तीन बेटियां हुई मुन्नी बाई सबसे बड़े बेटे तोताराम नंदा की पत्नी है जिन्होंने सारी जानकारी हमे बताई
ऐसी कौन सी बीमारी है जिसके चलते हमारे कुटुंब के सभी लो मर गए ये तो हमें भी नहीं पता।
हालत यह है की घर में किसी भी नोजवान की शादी के बाद जैसे ही बाल बच्चे होते है और यह अभिशाप इनको अपनी गिरफ्त में ले लेता है। आखिर वो कौन सी बीमारी है जिससे इस परिवार के लोगो में पहले तो हिलने की बीमारी होती है और फिर बोलने और चलने फिरने में दिक्कत....नंदा परिवार की महिलाओं ने बताया की यह बीमारी तीन पीढ़ियों से उनको सता रही है. अब यह बीमारी ज्यादा हो रही है पिछले 5 से दस सालों में-हिलते डुलते पांच भाइयों की आकस्मिक मौत इसी बीमारी के चलते हुई है कोई भी कुटुंब में मुखिया नहीं है.. पांच महिला मुखिया है वे विधवा हैं।
दूसरे घर की लड़की शादी करा के लू तो उन्हें कुछ नहीं होता ..लेकिन हमारे घर के लड़का और लड़की शादी के बाद जैसे ही बच्चे होते है वेसे ही ये हिलने की बीमारी उन्हें लग जाती है। इस बीमारी का कोई इलाज नहीं है अगर इलाज अच्छा हो जाये तो बच सकते है.
घर के बच्चे अब शादी नहीं करेंगे
नंदा परिवार के बच्चों ने ये फैसला किया है की उन्हें जिन्दा रहना है। ..अपने परिवार के लिए इस लिए वे लोग अब शादी नहीं करवाएंगे ..हेमराज ने बताया की ..शादी के बाद होने वाली बीमारी उन महिलाओ के लिए बड़ा दुःख है जिनके पति की मौत कुछ सालो में हो जाती है ये बीमारी इसी कुटुंब के लड़का और लडकियों को शादी के बाद होती है।
ये लोग बहुत डरे हुए है. परिवार के एक सदस्य के जाने का गम सता रहा है ..नन्ही सी गुडिया को भी अपने पापा का यह दर्द देखा नहीं जा रहा ...उसने अपने मामा शिवराज सिंह चौहान से मदद की गुहार लगाई है।
भैया लाल ने बताया की बड़े पिता के लड़के को शादी के बाद यह बीमारी लगी है और यही बीमारी के चलते हमारे पिता की भी मौत हुए थी बीमारी से निजात पाने के लिए ये लोग पंडा और गुनिया लोगो के पास भी गए।
पैसे तो खर्च हुए लेकिन कोई आराम नहीं लगा। नंदा परिवार में शादी लायक लड़के अब शादी न करने का मन बना लिए है ....इन्हें मालूम है की शादी के कुछ महीने बाद इनकी इस बीमारी से मौत होगी ...तो ये नहीं चाहते की किसी लड़की की जिन्दगी हम बर्बाद करे ....नंदा परिवार रोजो रोटी के लिए कभी मछली तो कभी सब्जी भाजी का छोटा मोटा धन्दा करते है लेकिन परिवार के एक व्यक्ति की अनजानी बीमारी ने सब को चिंता में दाल दिया है ..महेश जो इस बीमारी की पूरी तरह से गिरफ्त में उसे अपनी बीवी पर दया आती है जो
उसके और उसके बच्चो के लिए काम धाम कर दो वक्त की रोटी लाती है। महेश को मालूम है की उसे भी अपने दादा और पापा के पास जाना है ..महेश को अब अपने परिवार की चिंता सता रही है. उसे डर है की उसके न रहने पर उसके बीवी और बाल बच्चे को कौन पालेगा। ..महेश ने बताया की में अपने आप ही हिलने लगा हूं क्या करू कुछ समझ नहीं आ रहा है ...लोटे को उठा कर पानी भी नहीं पी सकता।
इनका कहना है
इस गाँव के बारे में जानकारी लगी है। बुधवार को हमारे डॉक्टर मिश्रा जी से इलाज करवाया जायेगा और तब भी आराम नहीं लगता तो जबलपुर मेडिकल भेजा जायेगा ये पहला मामला आया है ऐसा ..जिसे हम गंभीरता से देखेंगे।
डॉ आर के श्रीवास्तव
मुख्या चिकित्सा अधिकारी मंडला
मुझे ये बीमारी कब से हुए है पता नहीं बस कुछ महीनो से में अपने आप हिलने लगा है और यही बीमारी मेरे दादा और पिता जी को थी। अब मुझे सरकार से मदद की जरूरत है। नहीं तो मेरे बीवी बच्चो का कौन पालेगा।
महेश नंदा
बीमार युवक