आशीष खन्ना/शुजालपुर। सब इंजीनियर की मनमानी प्लानिंग के खिलाफ एक गांव सरपंच सहित पूरे के पूरे ग्रामीणों ने प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना का काम रुकवा दिया। उनका आरापे है कि एसई ने 2 लाख रुपए रिश्वत लेकर पारंपरिक सड़क मार्ग के इतर दूसरा मार्ग तैयार कर रहे हैं।
शाजापुर जिले कि शुजालपुर जनपद पंचायत कि ग्राम पंचायत हडलायकलां जहां ग्रामीणों व सरपंच ने प्रधानमंत्री सडक निर्माण का काम रोक दिया है। ग्रामीणों का आरोप है कि ग्राम हडलाय से ग्राम मगोद तक प्रधानमंत्री सडक योजना में कुल राशि 4 करोड 65 लाख रूपये में साढे चार किलोमीटर के लिए मंजुर हुई थी लेकिन निर्माण कार्य के सब इंजीनियर एपी पटेल द्वारा 2 लाख रूपये कि रिश्वत लेकर जो मार्ग सालों से चला आ रहा है उसे छोडकर कुछ किसानों कि निजी जमीन में सें रोड निकाला है।
वो भी किसानों को बगैर सुचना व नोटिस पहुचायें। इस मामलें में इन्जीनियर द्वारा एक व्यक्ति को लाभ पहुचाने के चक्कर में हजारों ग्रामीणों को ठेस पहुचाई है। एक प्रकार से देखा जाये तो प्रधानमंत्री सडक योजना चली है ग्रामीणों के भले के लिए लेकिन यहां एक सब इंजीनियर ने एक क्षैत्र के सासंद व खुद जिले के अपने आला अधिकारी के आदेश की छज्जियां उडते हुए 2 लाख कि रिश्वत लेकर गलत रोड निकाला जा रहा है।
यह आरोप है सरपंच सहित हजारो ग्रामीणों का इस रोड में 830 मीटर पर विवादित होने के कारण खुद जीएम ने इन्जीनियर को निर्देष दिये थे कि उक्त 830 मीटर छोड कर बाकी का रोड बनाना है इस 830 मीटर पर स्टे लगा हुआ है जब तक इस 830 मीटर टुकडे का निर्णय नही निकल जाता है इस छोडना है लेकिन इन्जीनियर ने इस मामले में सांसद, जीएम व हडलाय एवं मुगोंद के हजारो लोगों की अवहेलना कर एक व्यक्ति को व्यक्तिगत लाभ दिलाने के लिए उससे रिष्वत लेकर अपने आला अफसरों के आदेश की भी अवहेलना कि है।
इस मामले में जिले के अधिकारी भी सर्वे कार्य के लिए ग्राम हडलाय आये व सर्वे कर सरपंच भोजराज परमार व ग्रामीणों से चर्चा कि व बोला कि जो परंपरागत रोड है वो मुझे 20 फिट का आप खाली करवाकर दे दो में आपकी मर्जी अनुसार रोड बनवाकर दुगां। जब इस सम्बन्ध में सरपंच महोदय ने ग्रामीणों से आपसी विचार विमर्ष किया तो ग्रामीणो ने अपने स्वंय के निजी मकानों को अपने हाथों से तोडकर परंपरागत चली आ रही सडक के निर्माण में सहयोंग किया लेकिन गाव के ही लगभग 25 ग्रामीणों ने अपने अपने मकानों को हाथों से तोडा जिनकी किमत 75 लाख से भी अधिक होगी इतना नुकसान उठाने के बाद भी एक सब इंजीनियर द्वारा चन्द रूपयों की खातिर ग्रामीणो को लाखो कि चपत लगाई।
इस बात कि शिकायत ग्रामीणों ने जीएम आला अफसर सहित मुख्यमंत्री सचिवालय में भी कि लेकिन कोई नतीजा नही निकला अन्त में ग्रामीणों व सरपंच द्वारा नियम विरूध काम को रोका गया। प्रधानमंत्री सडक का काम लाने वाला सांसद सज्जनसिंह वर्मा खुद इन्जीनियर के आगे असहाय प्रतित होने लगा। आम लोगों के लिए चलाई जा रही योजनाओं का लाभ ग्रामीणों को नही मिल पा रहा है। इस मामले में ग्रामीणों व सरपंच का कहना है कि अगर इस मामले में कलेक्टर एस.पी या सारे अधिकारी हम पर कार्यवाही करवाते है तो हम जेल चले जायेगे लेकिन हमारे लिए होने वाले अनुचित काम को नही होने देंगे।