कांग्रेस की कृपा से अब कुछ और मुश्किल हो गई रेलयात्रा

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भोपाल। जब से रेल मंत्रालय कांग्रेस के हाथों में आया है, रेल यात्रा लगातार मुश्किल होती जा रही है। सुविधाओं के नाम पर किराया बढ़ाने के बाद अब रेल टिकट कैंसल कराना जेब पर भारी पड़ेगा। रेलवे ने किराया रिफंड किए जाने के अपने नियमों में 15 साल बाद बदलाव करते हुए मुसाफिरों पर और बोझ डाल दिया है।

अब अनरिजर्व टिकट हो या रिजर्व, कैंसल कराने की नौबत आने पर जल्द-से-जल्द ऐसा करने में ही समझदारी होगी। रिजर्व टिकट के मामले में यात्रियों को अब अधिकतम धन वापसी के लिए टिकट ट्रेन रवानगी से कम-से-कम 48 घंटे पहले रद्द कराना होगा। अब तक 24 घंटे पहले तक टिकट कैंसल कराने पर पूरे पैसे (कैंसलेशन चार्ज छोड़कर) वापस मिल जाते थे।

अनरिजर्व यानी जनरल टिकट का पूरा रिफंड (कैंसलेशन चार्ज 20 रुपये काटकर) टिकट जारी होने के तीन घंटे के अंदर किसी भी काउंटर से पाया जा सकता है। पहले यह स्टेशन मास्टर के पास ही रिफंड हो सकता था। अगर जनरल टिकट काफी पहले खरीद लिया गया है तो ट्रेन रवानगी के 24 घंटे पहले तक रद्द कराने पर कैंसलेशन चार्ज काटकर बाकी किराया रिफंड के रूप में मिलेगा। नए नियम 1 जुलाई से प्रभाव में आ जाएंगे। रेलवे ने नए नियम वेटिंग लिस्ट वाले यात्रियों का टिकट जल्दी कन्फर्म करने के उद्देश्य से लागू किए हैं।

नए नियमों के तहत, यात्रियों को 25% कटौती के बाद रिफंड पाने के लिए ट्रेन रवानगी के समय से 48 घंटे पहले से लेकर कम-से-कम छह घंटे पहले तक कन्फर्म टिकट कैंसल कराना पड़ेगा। अभी 24 घंटे से लेकर चार घंटे पहले तक टिकट कैंसल कराने पर 25% कटौती होती है। यदि टिकट ट्रेन रवाना होने के निर्धारित समय से 6 घंटे पहले से लेकर वास्तविक प्रस्थान समय के दो घंटे बाद तक कन्फर्म

अभी यात्रा की दूरी 500 किलोमीटर या अधिक होने पर प्रस्थान के 12 घंटे बाद तक टिकट रद्द कराने की अनुमति होती है। नए नियमों के मुताबिक यदि रिजर्व कन्फर्म टिकट को ट्रेन के वास्तविक प्रस्थान समय से दो घंटे के बाद कैंसल कराया जाता है, तो कोई रिफंड नहीं मिलेगा। आरएसी और वेटिंग टिकट का पूरा रिफंड (कैंसलेशन चार्ज काटकर) मिलेगा, बशर्ते ट्रेन खुलने से तीन घंटे पहले कैंसल कराया जाए। ट्रेन छूटने के तीन घंटे बाद आरएसी और वेटिंग टिकटों पर कोई भी रिफंड नहीं मिलेगा।

इसे साथ ही रेलवे प्रति यात्री न्यूनतम कैंसलेशन चार्ज में भी बदलाव कर रहा है। एसी फर्स्ट क्लास के लिए यह दर 120 रुपये, एसी सेकंड क्लास के लिए 100 रुपये, एसी थर्ड और चेयरकार के लिए 90 रुपये, स्लीपर श्रेणी के लिए 60 रुपये और सेकंड क्लास के लिए 30 रुपये होगी।

कुछ और बातें

1. टिकट खोने या खराब होने पर स्लीपर क्लास के प्रति टिकट 50 रुपये और इससे ऊपर वाले दर्जे के लिए 100 रुपये देने होंगे।
2. बंद, धरना प्रदर्शन या आपदा जैसी स्थिति में यदि ट्रेन छूट जाती है तो अब 90 दिनों के बजाय 10 दिन के भीतर चीफ कमर्शल मैनेजर (रिफंड) के पास रिफंड के लिए अपील करनी होगी।
3.सुदूरवर्ती और पर्वतीय इलाकों में शाम सात से सुबह छह बजे के बीच छूटने वाली ट्रेनों के मामले में रिफंड संबंधित स्टेशन पर रिजर्वेशन ऑफिस खुलने के दो घंटे तक लिया जा सकेगा।
4.लेट ट्रेन का टिकट रद्द कराने पर पूरा किराया वापस होगा। कैंसलेशन चार्ज भी नहीं काटेगा। बशर्ते टिकट ट्रेन रवाना होने से पहले कैंसल कराया जाए। अभी 200, 200-500 और 500 किमी से अधिक दूरी की यात्र के मामलों में ट्रेन छूटने पर क्रमश: 3, 6 या 12 घंटे बाद तक टिकट रद्द कराने पर पूरा किराया वापस मिलता है।टिकट रद्द कराया जाता है तो 50 % कटौती की जाएगी।


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