भाजपा का सच, कुछ .....?

राकेश दुबे@प्रतिदिन। और भाजपा के सारे तीरंदाज़ "नमो" नम: हो गये । सबसे पहले हथियार डालने के पूरे नम्बर लेने में राजनाथ सिंह सफल रहे। आडवाणी और उनके साथ-साथ बीमार हुए नेताओं ने कराहते हुए मान लिया कि उनकी बीमारी का इलाज भी "नमो" फार्मेसी के पास है।

इस तरह हमेशा अपने एजेंडे से कार्यकारिणी चलाने का दम भरने वाली सबसे अलग पार्टी, नरेंद्र मोदी को भारतीय जनता पार्टी चुनाव अभियान प्रचार समिति का अध्यक्ष बना समारोप हो गई। लोक-लज्जा निवारणार्थ जो प्रस्ताव पारित किये गये वे पहले कही जा चुकी बातों का दोहराव, बनकर नेपथ्य में चले गये  और भाजपा के अध्यक्ष राजनाथ सिंह नरेंद्र मोदी की घोषणा करके पत्रकार वार्ता से चलते बने।

पिछले कई दिनों से चल रही उहापोह का समापन हो गया। सबकी निगाहें अब नरेंद्र मोदी की और लगी हुई है, पांच राज्यों में निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार चुनाव और कभी भी हो सकने वाले केंद्र के चुनाव जिताने के लिए महारथियों की तैनाती और उसके सारे परिणाम की जिम्मेदारी अब नरेंद्र मोदी की होगी।  एनडीए चुनाव जीतेगा, ऐसी आशा तो वे भी लगाये हैं, जो नरेंद्र मोदी को यहाँ तक भी नहीं आने देना चाहते थे। नरेंद्र मोदी अपनी दम  से आयें हैं । सहमति, आदेश और निर्देश तो सब बाद में इकठ्ठे हुए।

शक्ति परिक्षण का दूसरा दौर राज्यों के चुनाव नतीजों और केंद्र में गठबंधन की जीत के बाद होगा और तब फिर एक बार आडवाणी का नाम और भूमिका उभरेगी पर अब सिर्फ मार्गदर्शक के रूप में।  प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार के रूप में आडवाणी  की पसंद कोई और है। नरेंद्र मोदी को पुन: संघर्ष करना होगा।



  • लेखक श्री राकेश दुबे वरिष्ठ पत्रकार एवं प्रख्यात स्तंभकार हैं। 
  • संपर्क  9425022703 


  • #buttons=(Ok, Go it!) #days=(20)

    Our website uses cookies to enhance your experience. Check Now
    Ok, Go it!