खंडवा। प्रदेश में संचालित निजी शिक्षण संस्थाओं को कानून के दायरे में लाने के लिए नियम बनाये जा चुके है। एक माह की समयावधि के भीतर ही इसे लागू कर दिया जावेगा। यह बात प्रदेश की शिक्षा मंत्री अर्चना चिटनिस ने खंडवा में मीडिया से चर्चा के दौरान कही।
शिक्षा मंत्री ने यह भी बताया की इस कानून के लागू होने के बाद निजी शिक्षण संस्थाओं और पालकों के मध्य सोहार्द का वातावरण स्थापित होगा। प्रदेश में शिक्षकों को प्रायवेट स्कूलों की अपेक्षा चार गुना ज्यादा वेतन प्रदान किया जा रहा है और आने वाले दिनों में शिक्षको के लिए और भी नियम बनाए जा रहे हैं, जिससे शिक्षकों को कभी मांगने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी।
प्राइवेट स्कूल प्रबंधन और पालकों के बीच तनातनी
निजी शिक्षण संस्थाओं में अपने बच्चो को अध्ययन करवाने वाले पालको का एक बड़ा वर्ग किसी न किसी बात पर स्कुल प्रबंधन से असंतुष्ठ रहता है। बात चाहे फीस में की गई बढ़ोतरी की हो या स्कुल के लिए मांगे जाने वाले किसी फंड की। जिसे लेकर आये दिन स्कूल प्रबंधन और पालक वर्ग के बीच तकरार की नौबत आ जाती है।
कोई कार्रवाई नहीं कर पाता शिक्षाविभाग
स्कूल प्रबंधन से असंतुष्ठ पालक अपनी शिकायत लेकर शिक्षा विभाग तक पहुंचता है, लेकिन प्राइवेट स्कुलो के संबंध में कोई निर्धारित नियमावली नहीं होने के कारण विभाग के अधिकारी, कर्मचारी भी अपने आप को असहाय पाते है। अब हालत बदलने वाले है। प्रदेश का शिक्षा विभाग मनमानी करने वाली निजी शिक्षण संस्थाओं पर जल्द ही नकेल कसने जा रहा है।
1975 से मौजूद है कानून, बस नियमावली किसी ने नहीं बनाई
प्रदेश की शिक्षा मंत्री अर्चना चिटनिस ने बताया कि निजी शिक्षण संस्थाओं को दायरे में लाने के लिए कानून तो वर्ष 1975 में ही बन चूका था लेकिन उसकी नियमावली अब-तक नहीं बनाई गई थी। प्रदेश सरकार ने इस कानून के रूल्स बना लिए है, जिन्हें जल्द ही लागू किया जावेगा जो पूरी तरह से व्यवहारिक होगे, इसके लागू होने के बाद स्कुल मैनेजमेंट और पालको के बीच होने वाले विवादों पर रोक लगेगी।
सरकार चलाना आसान, स्कूल चलाना मुश्किल
श्रीमती चिटनीस ने कहा कि सरकार चलाना आसान है लेकिन स्कूल चलाना काफी कठिन कार्य होता है, लेकिन प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के सक्रिय सहयोग से शिक्षा विभाग ने पूरे प्रदेश के साथ ही खंडवा जिले में शिक्षा के क्षेत्र में एक अलग पहचान बनाई है लेकिन केंद्र सरकार के सौतेले व्यवहार के कारण शिक्षा के क्षेत्र में हम पूर्ण रूप से कार्य नहीं कर पा रहे हैं।
केन्द्र ने नहीं दी पिछली किश्त
भारत सरकार से आठ हजार करोड़ की राशि कम मिली है, पिछले साल मिलने वाले एक हजार करोड़ रूपए में से केंद्र ने अभी राशि उपलब्ध नहीं कराई है। पत्रकारवार्ता में श्रीमती चिटनीस के साथ अशोक मिश्रा, प्रवक्ता सुनील जैन उपस्थित थे।