दरिंदगी भरे बेटमा रेपकांड में नेता व वकील के बेटों सहित 14 आरोपियों को दो बार उम्रकैद

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इंदौर। इंदौर जिले के बहुचर्चित बेटमा रेपकांड में शनिवार को इंदौर की जिला कोर्ट ने 14 आरोपियों को दोहरी उम्रकैद की सजा सुनाई। न्यायाधीश अवनींद्र कुमार सिंह ने इन्हें दो नाबालिगों से गैंगरेप का दोषी पाया। सजा पाने वालों में महिला कांग्रेस पार्षद व वकील का भी पुत्र है। पीड़िता और डॉक्टरों के बयान से सजा का रास्ता तय हुआ। वहीं, दो अन्य बाल आरोपियों पर मामला बाल न्यायालय में चल रहा है। संभवत: मध्य प्रदेश में गैंगरेप की यह पहली बड़ी घटना है, जिसमें इतनी बड़ी तादाद में आरोपियों को सजा दी गई।

जिला कोर्ट में शनिवार को कांग्रेस महिला पाषर्षद का पुत्र विकास पिता विक्रम भारती, वकील पुत्र अंशुमन उर्फ आशु पिता अनिरद्ध वाघ सहित 14 आरोपियों को पेश किया गया। सभी पर दो नाबालिगों से गैंगरेप का आरोप था। कोर्ट में उपस्थिति दर्ज कराने के बाद न्यायाधीश सिंह ने उनसे कहा कि सबको दोषी पाया गया है। कुछ कहना चाहते हो?

आरोपियों ने कहा कि हमें फंसाया गया है। न्यायाधीश ने आरोपियों के वकीलों से पूछा कि आप कुछ कहना चाहते हो? जवाब मिला, इनका पहला अपराध है और सभी कम उम्र के हैं। सजा में नरमी बरती जाए। इस पर एजीपी ज्योति तोमर ने आपत्ति की। न्यायाधीश ने कहा कि इनका अपराध क्षमा करने योग्य नहीं है। घिनौने कृत्य को अंजाम देने वालों को सजा देने में नरमी बरतना असंभव है। इन्हें उम्रकैद नहीं बल्कि दोहरी उम्रकैद दी जाती है। सजा सुनकर सभी आरोपियों ने सिर पीटकर रोना शुरू कर दिया। कोर्ट की औपचारिकता पूरी होने के बाद उन्हें जेल भेज दिया गया।

प्यार ने भी दिया धोखा

घटना 10 फरवरी 2012 की दोपहर करीब दो बजे की है। एक तरफा प्यार में पड़े आरोपी मोहम्मद जावेद ने 17 वर्षीय बालिका को फोन कर कालिका मंदिर आने को कहा। धमकी दी कि वह नहीं आएगी तो उसके परिवार को जान से मार देगा और जहर खा लेगा। बालिका घबरा कर अपनी 15 वर्षीय ममेरी बहन के साथ मंदिर पहुंची। यहां जावेद और उसका साथी टीपू पहले से इंतजार कर रहे थे।

चारों आपस में मिले और बातचीत करने लगे। तभी कांग्रेस महिला पार्षद का पुत्र विकास पिता विक्रम भारती, वकील पुत्र अंशुमन उर्फ आशु पिता अनिरद्ध वाघ, अमित पिता सतीष वाघ अपने 8-9 साथियों के साथ मौके पर पहुंच गए। उन्होंने बालिकाओं से छेड़छाड़ की लेकिन जावेद खामोश रहा। बाद में वह भी घटना में शामिल हो गया।

सहारा देने आए थे, लूट गए आबरू

आरोपी विकास ने बालिका की बहन की चुनरी खींच ली। विरोध करने पर उसने साथियों के साथ मिलकर उन्हें घसीटा और खेत में ले गए। दोनों को अंर्धनग्न किया और बारी-बारी से हवस का शिकार बनाया। उनकी चीखें सुनकर मोहन, शांतिलाल, राजेन्द्र भामी और मोना तम्बोली मौके पर पहुंचे। उन्होंने सभी युवकों को भगा दिया। पीड़िताओं को सहारा देने के बजाय उन्होंने भी उनकी बेबसी का फायदा उठाया। दुष्कर्म के बाद वे उन्हें बदहास हालात में छोड़ गए। जाते-जाते धमकी भी दी कि किसी को बताया तो जान से मार देंगे।

किसे कितनी मिली सजा

मोहम्मद जावेद, शांतिलाल कुशवाह, चेतन प्रजापत, विकास भारती, विक्रम मकवाना, रवीन्द्र उर्फ रवि मंडलोई, मोना उर्फ मोहनलाल कुमरावत, संजय मंडलोई, पूना उर्फ पूनमचंद, राजेन्द्र भामी, अंशुमन वाघ, गोलू उर्फ यश वाघ और अमित वाघ को गैंगरेप की धारा- 376 [2जी] के तहत दोहरी उम्रकैद और जान से मारने की धमकी देने की धारा- 506[बी] के तहत सात वर्ष के कठोर कारावास की सजा सुनाई। आरोपी जावेद के दोस्त टीपू बेग को गैंगरेप का दोषी पाते हुए दोहरा आजीवन कारावास मिला।

पेश ही नहीं होने दी सीडी

शासकीय अतिरिक्त अधिवक्ता ज्योति तोमर का कहना है कि बेटमा रेपकांड का जो वीडियो बनाया गया था, उसे कोर्ट में पेश नहीं होने दिया गया। अगर ऐसा होता तो आरोपी पक्ष उसे मांगता, जिससे और अधिक प्रचार-प्रसार होने की संभावना थी। हालांकि जिन आरोपियों के पास मोबाइल में यह क्लीप थी, उन मोबाइलों को भी पुलिस ने जब्त कर लिया था। इसमें पीड़िता और डॉक्टरों के बयानों और मेडिकल रिपोर्ट को अहम सबूत माना गया।

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