भोपाल। आल इंडिया इंस्टीट्यूट आफ मेडिकल साइंस (एम्स) में जल्द ही ट्रामा एंड इमरजेंसी मेडिसिन डिपार्टमेंट खुलेगा। इससे हादसों में गंभीर रूप से घायल हुए मरीजों को तुरंत इलाज मिल सकेगा। ट्रामा विभाग के लिए सात डॉक्टरों की टीम गठित की गई है। इसमें सड़क दुर्घटनाओं या अन्य हादसों में घायल होकर आए मरीजों को इंटेसिव केयर देने के लिए 50 बिस्तरों का ट्रामा सेंटर बनाया जा रहा है।
यह ट्रामा सेंटर लेवल वन ट्रामा सेंटर होगा, जिसमें होकर आए करीब 30 फीसद मरीजों को बचा लिया जाएगा। ट्रामा यूनिट की इंट्री अलग होगी, ताकि मरीज को बिना किसी रुकावट के अंदर पहुंचा दिया जाए। ट्रामा यूनिट में मरीज घायल अवस्था में आते हैं, जिससे वहां संक्रमण फैलने की आशंका ज्यादा रहती है। इसलिए एम्स में ट्रामा यूनिट को दूसरी मंजिल पर अलग जगह बनाया जाएगा, ताकि अन्य मरीजों में संक्रमण न फैले। ट्रामा यूनिट का निर्माण ऐसी जगह किया जा रहा है, जहां वेंटीलेशन की व्यवस्था रहे।
ताजी हवा से संक्रमण का खतरा कम रहेगा। अगस्त में होगी शुरुआत बताया गया है कि एम्स में ट्रामा यूनिट के (μयूमीगेशन संक्रमण रहित ) बनाने के लिए भी विशेष व्यवस्थाएं की जा रही है। एम्स प्रबंधन का कहना है कि अगस्त में ट्रामा सेंटर शुरू हो जाएगा। इसकी तैयारियां अंतिम चरण में है। बताया गया है कि अभी तक राजधानी के किसी भी सरकारी अस्पताल में गंभीर रूप से घायल मरीजों के इलाज के लिए ट्रामा सेंटर नहीं है।