इंदौर। एड मेरिट हायर सेकंडरी स्कूल के प्रिंसिपल राजेंद्रकुमार वर्मा हत्याकांड में हाई कोर्ट की इंदौर खंडपीठ ने निचली अदालत के फैसले को बरकरार रखते हुए रिटायर्ड थाना प्रभारी तंवरसिंह, उनकी एसआई बेटी गायत्री बैस सहित सभी छह आरोपियों को उम्रकैद की सजा सुनाई।
अदालत ने ऑर्डर में कहा- निचली अदालत का फैसला सही है। उसे बदला नहीं जा सकता। हाई कोर्ट ने जमानत पर रिहा 75 वर्षीय तंवरसिंह व गायत्री सहित तीन आरोपियों को जेल भेजने के लिए जिला अदालत में सरेंडर करने के आदेश दिए।
जस्टिस पीके जायसवाल एवं जस्टिस मूलचंद गर्ग ने आरोपियों द्वारा सजा के खिलाफ की गई अपील पर सितंबर 2012 में सुनवाई पूरी कर फैसला रिजर्व रखा था। सुनवाई में आरोपियों के वकीलों ने कहा कि हत्या में उनका हाथ नहीं है, इसलिए जिला अदालत का फैसला पलटा जाए। वर्मा की पत्नी सुलोचनादेवी एवं बेटे संजय वर्मा की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता पीके सक्सेना और शासन की ओर से शिवदत्त बोहरा ने पैरवी करते हुए निचली अदालत के फैसले को सही बताया।
गुरुवार को अदालत ने फैसला सुनाते हुए आरोपियों की अपीलें खारिज कर निचली अदालत द्वारा दी गई उम्रकैद की सजा को बरकरार रखा। अन्य आरोपियों के नाम हैं- जगदीश उर्फ गजाधर, इंदरसिंह उर्फ रामजी, रामकिशन तीनों निवासी ग्राम श्रीखंडी किशनगंज, मांगीलाल उर्फ सुभाष पांचाल निवासी पीपलियाहाना।
निचली अदालत द्वारा सजा सुनाए जाने के बाद गायत्री बैस को निलंबित कर दिया था जो अभी भी निलंबित है। अब उसे बर्खास्त किया जा सकता है।
सजा के खिलाफ अपील पर 26 जून 2002 को तंवरसिंह व गायत्री एवं 6 अक्टूबर 06 को आरोपी इंदरसिंह को हाई कोर्ट से जमानत मिल गई थी तब से वह बाहर हैं। शेष आरोपी जगदीश, रामकिशन व मांगीलाल जमानत नहीं मिलने से 2002 से जेल में हैं।
पिता-पुत्री चूंकि पुलिस में थे इस कारण उनके प्रभाव से पुलिस ने यह कहते हुए खात्मा रिपोर्ट तैयारी की थी कि आरोपियों के खिलाफ पर्याप्त साक्ष्य नही मिले। समाचार पत्रों में इसका खुलासा करने पर खात्मा पेश नहीं किया जा सका था।
बेटा शादी नहीं करने का प्रण तोड़ेगा
पिता की हत्या के बाद तीन आरोपियों को जमानत मिल जाने पर प्रिंसिपल वर्मा के बेटे संजय ने प्रण किया था कि जब तक तीनों हत्यारों को पुन: जेल नहीं होगी तब तक वह शादी नहीं करेगा। संजय की उम्र 40 साल है और अब वह शादी नहीं करने का प्रण तोड़ेगा।