शिवराज सरकार चाहे, तो मध्यप्रदेश में आ सकती है नौकरी की बाढ़: एसोचैम की रिपोर्ट

भोपाल। अगर मध्यप्रदेश सरकार इंदौर में एक ऑटोमोबाइल सेज का विकास करती है तो यहां से हर साल 20 हजार लोगों को नौकरियां मिलेंगी। इस हिसाब से यह संख्या अगले पांच सालों में एक लाख तक पहुंच सकती है।

राज्य सरकार को भी इस दौरान 20 हजार करोड़ रुपए की आमदनी होगी। यह बात देश की अग्रणी औद्योगिक संस्था एसोचैम ने यहां ऑटोमोबाइल सेक्टर पर जारी एक अध्ययन रिपोर्ट प्रस्तुत करते हुए कही।

रिपोर्ट के अनुसार उतर भारत में सभी प्रमुख ऑटोमोबाइल इंडस्ट्रीज गुडग़ांव और मानसेर में है, जो आए दिन होने वाली श्रमिकों की समस्या के चलते विस्तार के लिए दूसरे राज्यों में संभावनाएं तलाश रहीं हैं।

पिछले साल मारुति सुजुकी ने गुजरात में एक बड़ा निवेश किया है। इस स्थिति में मध्यप्रदेश के लिए यह एक मौका है। वह अच्छी नीतियां बनाकर प्रदेश में निवेश को आकृष्ट कर सकता है।

एसोचेम ने राज्य सरकार को सुझाव दिया कि वे ऑटोमोबाइल इंडस्ट्रीज के लिए कलपुर्जे बनाने वाले छोटे उद्यमों का एक सेंटर बनाए, जहां से एक्सल, ब्रेक, क्लच, इंजन, गियर, सॉफ्ट, वॉल्व और दूसरे जरूरी उत्पादों की आपूर्ति हो सके।

यह करे प्रदेश सरकार तो बने बात
:राज्य के इंफ्रास्ट्रक्चर को और बेहतर बनाया जाए।
:सिंगल विंडो एप्रूवल सिस्टम को लागू किया जाए।
:पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप के जरिए विकसित करें ऑटोमोबाइल सेंटर
:अनुसंधान और प्रशिक्षण सुविधाओं का विकास करें।

रिपोर्ट की खास बातें
: प्रति 1000 व्यक्ति वाहनों की उपलब्धता मध्यप्रदेश में पिछले एक दशक में 172 फीसदी बढ़ी। इस वृद्धि दर के हिसाब से वह राज्यों की सूची में चौथे नंबर पर है।
: यहां ग्रामीण क्षेत्रों में दोपहिया वाहन से चलने वाली आबादी एक दशक में 131 फीसदी बढ़ी है। यह देश की राष्ट्रीय औसत के बराबर है। लेकिन विकसित राज्यों से काफी कम।
: ग्रामीण क्षेत्रों में प्रति हजार आबादी में 42 के पास दोपहिया वाहन है। यह देश के राष्ट्रीय औसत से काफी कम है।
: यहां प्रति प्रति व्यक्तिआय 2004-05 से 2010-11 के बीच 6.5 फीसदी की दर से बढ़ी। यह पड़ोसी राज्य छत्तीसगढ़ (9.7) से काफी कम है।

#buttons=(Accept !) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Check Now
Accept !