राकेश दुबे@प्रतिदिन। सारे देश में यूपीए सरकार की उपलब्धियों और चुनौतियों को लेकर चर्चा चल रही है। सरकारी मीडिया और गैर सरकारी मीडिया अपने -अपने नजरिये से पक्ष और प्रतिपक्ष के नपे तुले बयान जनता को परोस रहे हैं।
सच क्या है किसी से छिपा नहीं है ,दिल पर हाथ रखकर तो प्रधानमंत्री तक यह नहीं कह सकते कि यूपीए-2 में सब कुछ ठीक ठाक हुआ है । सरकार भले ही यह कहे कि उसने भ्रष्टाचारियों को जेल भेजा या इस्तीफे ले लिए, लेकिन यह हुआ क्यों ?
कामन वेल्थ खेल घोटाला हो, 2 जी हो . 3 जी हो ,कोयला खदान का घोटाला हो, हेलीकाप्टर खरीद का मामला हो या अन्य कोई और हर दिन कुछ न कुछ नया घटा है । सरकार ने यदि अपना काम किया होता तो यह नौबत नहीं आती। अब किसी को जेल में भेजें या खेल खेलें कोई भी इसे सरकार की सदाशयता मानने को तैयार नहीं होगा । फिर किस बात पर कीर्तिमान का भोंपू बजाया जा रहा है ।
प्रधानमंत्री जी को यह मान लेना चाहिए कि उनकी नजर भी कमजोर थी । कितने छोटे और बड़े खिलाडी उनकी नाक के नीचे कोयले का काला खेल खेलते रहे , कीमतें बढती रही , आम आदमी दुखी होता रहा । बस यही कीर्तिमान है ,तो मेरी ओर से भी बधाई ।
