भोपाल। पुलिस की लचर इन्वेस्टिगेशन के चलते 22 हत्याओं का आरोपी सरमन बारी उर्फ सरमन शिवहरे आज रविकांत हत्याकांड में दोषमुक्त करार दे दिया गया। न्यायालय ने इस मामले में स्पष्ट कहा कि पुलिस आरोपी के खिलाफ साक्ष्य और गवाह पेश नहीं कर पाई।
मामला रविकांत रिझारिया हत्याकांड का था। आरोपी सरवन और रविकांत दोनों दोस्त थे और दोनों ने एकसाथ मिलकर कई लूट की वारदातें की थी। हत्या से पहले रविकांत रिझारिया की शादी तय हो गई थी और सरवन को खतरा था कि रविकांत शादी के बाद अपनी पत्नि के सामने सारे राज खोल देगा।
इसी संभावित खतरे के चलते सरवन ने अपने ही साथी रविकांत की गोली मारकर हत्या कर दी। इस मामले में पुलिस ने सरवन को अरेस्ट भी कर लिया था परंतु न्यायालय में प्रकरण की सुनवाई के दौरान पुलिस ना तो वारदात से जुड़े साक्ष्य प्रस्तुत कर पाई और ना ही कोई गवाह। यहां तक कि हत्या के दौरान प्रयुक्त की गई बंदूक को पुलिस ने दस्तावेजों में जप्त करना तो बताया परंतु न्यायालय के सामने पेश नहीं किया। अंतत: साक्ष्य के अभाव में न्यायालय ने सरवन बारी को दोषमुक्त करार दे दिया।
सनद रहे कि सरवन बारी मध्यप्रदेश का कुख्यात बदमाश है एवं इसके खिलाफ करीब 22 हत्याओं के मामले पंजीबद्ध है। अपने एक बयान में सरवन का कहना था कि जहां तक उसे याद है उसने 22 हत्याएं की हैं, जबकि 30 से 40 लोगों को वो अधमरा छोड़कर आ गया था और उसे मालूम नहीं है कि उनकी मौत हुई या नहीं। खुद सरवन को यह याद नहीं है कि उसने कितनी लूट की वारदातें की हैं और पुलिस भी आज तक सरवन द्वारा की गई लूट की वारदातों की संख्या नहीं जुटा पाई है।
कुल मिलाकर मध्यप्रदेश का एक खतरनाक लुटेरा जो लूट के लिए हत्यारें करता है, साक्ष्य के अभाव में दोषमुक्त हो गया। यहां बताना मुनासिब होगा कि इन्दौर के बहुचर्चित डॉ वर्षा वर्मा हत्याकांड में भी पुलिस ने सरवन को दोषी पाते हुए सजादेही के लिए न्यायालय मे प्रस्तुत किया है। आगामी 24 मई को इस मामले में भी फैसला आने की संभावना है। यदि इस बहुचर्चित हत्याकांड में भी सरवन बारी दोषमुक्त हो जाता है तो यह इन्दौर पुलिस की इन्वेस्टिगेशन पर लगा सबसे बड़ा दाग होगा।