राजगढ़। मध्य प्रदेश के राजगढ़ जिले में पानी की समस्या का असर लोगों की जिंदगी पर भी साफ नजर आता है। यही कारण है कि बेटियों को शादी में दिए जाने वाले दहेज में पानी का संग्रहण करने वाले बर्तन सबसे ज्यादा होते हैं।
राजगढ़ जिले में पानी की समस्या के कारण बेटियों को दिए जाने वाले दहेज का अंदाज ही जुदा हो गया है। यहां बेटियों को शादी के बाद पानी की समस्या से न जूझना पड़े और पानी भरने में सहूलियत हो इस बात का परिजन पूरा ध्यान रखते हैं।
खिलचीपुर तहसील के सोनकच्छ में आयोजित सामूहिक विवाह समारोह में दिए जाने वाले दहेज में सबसे ज्यादा पानी भरने वाले बर्तनों की तादाद यहां की समस्या को बयां करने वाली थी। अमूमन दहेज के सामान में पानी भरने के छह पात्र दिए जाते हैं। इसमें ताम्बे, पीतल व स्टील की गागर के अलावा स्टील की टंकी भी होती है। लोगों से पूछा गया तो हर किसी का एक ही जवाब था कि पानी यहां की समस्या है, लिहाजा पानी भरने के बर्तन ज्यादा दिए जाते हैं।
राजगढ़ जिले के कई गांवों का भ्रमण करने के दौरान यह बात भी साफ हो गई, क्योंकि जिस गांव में भी पहुंचिए वहां के कुओं पर महिलाओं की भीड़ और सहज ही नजर आ जाती है।
बडवेली गांव की शीला तो पूरे दिन ही पानी भरने से लेकर घर के ही कामकाज में लगी रहती हैं। वह इन दिनों मायके में हैं और पानी की समस्या से जूझते हुए ही उनका बचपन गुजरा है। इस गांव के लोगों को पानी लाने के लिए एक से डेढ़ किलोमीटर तक चलना पड़ता है।
बडवेली की आंगनवाड़ी कार्यकर्ता मेघा बताती है कि पानी की समस्या तो है। महिलाओं का ज्यादातर समय पानी भरने में ही गुजर जाता है। पानी की समस्या का असर भी कुछ इस तरह जिंदगी पर है कि लोग बेटी को दहेज में पानी संग्रहण के बर्तन ज्यादा देते हैं।
पानी की समस्या से जूझते राजगढ़ जिले के हालात सरकार के उन दावों की पोल खोलते नजर आते हैं, जो नल जल योजना से लेकर गांव-गांव तक पानी पहुंचाने के किए जाते हैं।