सीहोर। मंदिर से लौट रही मानसिक रुप से विक्षिप्त महिला के साथ रेप करने के बाद मारपीट करने वाले आरोपी को नसरुल्लागंज प्रथम अपर सत्र न्यायाधीश श्री शशि भूषण पाठक द्वारा आजीवन कारावास और पाँच हजार रुपए के अर्थदंड से दंडित किया है।
एक अन्य धारा में आरोपी को सात साल के सश्रम कारावास और एक हजार रुपए के अर्थदंड से दंडित किया गया है। अभियोजन की ओर से पैरवी अपर लोक अभियोजक राजेश गुप्ता द्वारा पैरवी की गई। अभियोजन के अनुसार 28 फरवरी 2010 को रात्रि दस बजे माना रेलवे लाइन बुदनी शिव मंदिर से दर्शन कर लौट रही मानसिक रुप से विक्षिप्त रुप विवाहिता को वार्ड क्रमांक बारह माना बुदनी निवासी शेखर उर्फ चन्द्रशेखर आत्मज प्रेमनारायण जाटव उम्र 30 वर्ष द्वारा जबरन रोक लिया गया। युवक ने विवाहिता का मुँह दबाकर रेलवे पटरी के पास फेंक दिया और क्रूरता पूर्वक उसके साथ रेप किया।
रेप करने के बाद आरोपी द्वारा पत्थरों से सिर एवं चेहरे पर गंभीर रुप से मारपीट की गई। युवक द्वारा उसके अतरंग स्थल पर पत्थर से गंभीर चोंट पहुंचाई जाकर उसे भयभीत करने का प्रयास किया जाकर धमकी दी गई।
अभियोजन के अनुसार विवाहिता द्वारा अपने भाई नंदलाल को रात बारह बजे बताया गया कि उसके साथ मारपीट की गई है जिस पर मारपीट की जानकारी बुदनी थाने में दी गई। घटना से और अधिक सहम गई विवाहिता ने रेप की जानकारी रात में भाई को नहीं बताई पर सुबह अपनी बेटी आशा को अपने साथ हुए हादसे की जानकारी दी जिस पर दूसरे दिन थाने में अपनी बेटी के साथ जाकर लिखित आवेदन दिया जिसकी जांच उपरांत बुदनी पुलिस द्वारा आरोपी शेखर उर्फ चन्द्रशेखर के खिलाफ भादवि की धारा 341, 376, 325 और 308 के अंर्तगत प्रकरण कायम कर आरोपी को गिरफ्तार कर न्यायालय में प्रस्तुत किया गया जहां से उसे जेल भेजा गया।
शुक्रवार को नसरुल्लागंज प्रथम अपर सत्र न्यायाधीश श्री शशि भूषण पाठक द्वारा साक्षियों के कथनों पर भरोसा करते हुए मानसिक रुप से विक्षिप्त विवाहिता के साथ रेप का दोषी पाते हुए भादवि की धारा 376 में आजीवन कारावास और पाँच हजार रुपए का अर्थदंड तथा धारा 325 में सात साल का सश्रम कारावास और एक हजार रुपए के अर्थदंड की सजा सुनाई। पैरवी अपर लोक अभियोजक राजेश गुप्ता ने की।