अध्यापक मोर्चा: किसी और का नहीं शिवराज का नेतृत्व चाहिए

भोपाल। 6वें वेतनमान और संविलियन का इंतजार कर रहे मध्यप्रदेश के अध्यापकों का भरोसा अब अपने नेताओं से उठता जा रहा है, वो प्रदेश के मुखिया शिवराज सिंह चौहान तक सीधे अपनी बात पहुंचाना चाहते हैं। कहना चाहते हैं कि हम किसी नेता के फालोअर्स नहीं हैं। हमें मालूम है शिवराज सिंह ने हमारे लिए क्या किया।

मध्यप्रदेश के आदिवासी बेल्ट से कुछ अध्यापकों ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को संदेशा भेजा है। इसकी एक प्रतिलिपि भोपालसमाचार.कॉम को भी प्रेषित की है। अपने संदेश में अध्यापकों ने क्या कुछ लिखा है हम शब्दश: प्रकाशित कर रहे हैं:—

आदरणीय शिवराज जी,
ये अंर्तमन की आवाज है जो आपसे कम शब्दों में व्यक्त करने का प्रयास है, प्रदेश के लाखों अध्यापकों की ओर से।

आप हमारे मुखिया हैं, हमारे भरण पोषण और उच्च स्तरीय जीवन यापन के स्त्रोत विकसित करने की जिम्मेदारी आपकी है। तथाकथित नेताओं की नहीं। आप अपने मुखिया होने का धर्म निभाईए। हम वादा करते हैं कि अपनी ओर से सपूत होने का कर्तव्य निभाएंगे।
हम एहसानफरामोशी नहीं करेंगे। आप जो देंगे उसका श्रेय आपको ही मिलना है क्योंकि प्रदेश के लाखों अध्यापकों को जमीनी हकीकत पता है कि अब तक शिवराज सिंह चौहान ने क्या दिया है और नेतृत्व ने क्या दिलवाया है

जय हिन्द
आपके अंतिम निर्णय की प्रत्याशा में
प्रदेश के अध्यापक

इस पत्र में पत्र लेखकों ने अपना नाम गोपनीय रखने का आग्रह किया है अत: हम उनका नाम उजागर नहीं कर रहे हैं।

लव्वोलुआब यह कि मध्यप्रदेश के संविदा शिक्षक, गुरूजी एवं अध्यापक अब किसी झंडे के नीचे जिंदाबाद, मुर्दाबाद करने के मूड में नहीं हैं। वो ठेकेदार बन चुके नेताओं से दुखी हैं और मुख्यमंत्री तक यह संदेश पहुंचाना चाहते हैं कि वो नेताओं की राजनीति में फंसने के बजाए उन संविदा शिक्षकों एवं अध्यापकों की ओर ध्यान दें जिन्हें वो व्यक्तिगत रूप से प्रेम करते हैं।

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आप भी लिख सकते हैं खुलाखत

यदि आपको दिखाई देती है सरकार या समाज में कोई ऐसी विसंगति जिसकी ओर ध्यानाकर्षण कराया जाना चाहिए तो आप भी खुलाखत लिख सकते हैं। यदि आप चाहेंगे तो आपका नाम व नंबर गोपनीय रखा जाएगा, एवं आपकी अनुमति पर प्रकाशित भी किया जा सकता है।


  • कृपया ध्यान दें

खुलाखत में केवल उन बिन्दुओं का खुलासा करें जिनके विषय में पूर्व में किसी ने खुलासा नहीं किया है। ज्वलंत मुद्दों पर अपनी प्रतिक्रियाएं एवं विचार कृपया न लिखें। 
  1. कृपया स्पष्ट रूप से बताएं कि आप अपना नाम गोपनीय रखना चाहते हैं। यदि आप इसका उल्लेख नहीं करेंगे तो आपका नाम व नंबर प्रकाशित कर दिया जाएगा। 
  2. कृपया अपने नाम के साथ निवास का पता एवं नंबर अवश्य प्रेषित करें ताकि लोग आपको सीधे साधुवाद दे सकें। 
  3. कृपया अपने मध्यप्रदेश को केन्द्र में रखते हुए ही लिखें। 
  4. यह खुलाखत किसी भी व्यक्ति, संस्थान, अधिकारी, मंत्री या मध्यप्रदेश के नाम हो सकता है। 
  5. तो फिर देर किस बात की। लिख डालिए। 
  6. और भेज दीजिए editorbhopalsamachar@gmail.com पर। 

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