राकेश दुबे@प्रतिदिन। कभी कभी बोलने वाले प्रधानमंत्री आज खूब बोले| खुल कर बोले, पर जिस एक विषय पर वे चुप है, तो क्यों ? मुलायम सिंह इस इंतजार में हैं कि प्रधानमंत्री या यूपीए अध्यक्ष कुछ बोले| दोनों चुप है और मुलायम सिंह दिन-ब-दिन कठोर होते जा रहे हैं|
मनमोहन सिंह ने आज यशवंत सिन्हा की चिठ्ठी के बहाने और उद्योगपतियों को संबोधित करते हए बहुत सारी बातें कही वे यह जरुर कहते रहे है की सरकार के पास छिपाने के लिए कुछ नहीं है,लेकिन यह भी उतना ही सच है की अभी बताने को बहुत कुछ बाकी है| जेपीसी तो वह कहानी हो गई है कि “उनसे आया न गया और हमसे बुलाया न गया|”
प्रधानमंत्री का मानना है कि विकास की दर गिर रही है और उसका कारण वे बता रहे है की गठबंधन की राजनीति बहुत मुश्किल होती है | महंगाई को ये लाइलाज बीमारी मानते है | हे! विश्व के महान अर्थशास्त्री आप अपने इस ज्ञान के कारण ही तो प्रधानमंत्री है, जिसमें आप असफलता के एकदम नजदीक है| आपको किसी राजनीतिक कुशलता के कारण थोड़े ही प्रधानमंत्री बनाया गया था | कांग्रेस के दिग्विजय सिंह अनुशासन में रखकर कांग्रेस में सत्ता के दो केंद्र होने की बात कह रहे है | लेकिन उनकी जो बात समझ में आ रही है देश जिन दो पहियों पर चल रहा है, उनमें एक पंचर हो चुका है और अब उसे बदलने के अलावा कोई चारा नहीं है |
मुलायम से मोर्चा लेने वाले बेनी बाबू को कांग्रेस के दफ्तर में बुलाकर चुप रहने को कहा गया है | उन्हें मुलायम मिसाइल से सीज फायर कराने का आश्वासन दिया गया है | यहाँ भी वही हुआ बेनी बाबू को बता दिया, लेकिन मुलायम को नहीं बताया और मुलायम सिंह ने साफ कह दिया की “कांग्रेस जेल में बंद कराती है और सी बी आई पीछे लगा देती है |”: यह सब वह है जो जनता को बताना चाहिए, नहीं लोग कुछ समझेंगे और कुछ कहेंगे |
- लेखक श्री राकेश दुबे वरिष्ठ पत्रकार एवं प्रख्यात स्तंभकार हैं। संपर्क 9425022703