तुलाई के इंतजार में मर गया किसान

गैरतगंज। राकेश गौर। रायसेन जिले की गैरतगंज तहसील स्थित कृषि उपज मंडी में बनाए गए गेंहू खरीदी केन्द्र अपनी फसल की तुलाई का इंतजार करते करते एक किसान वहीं पर मर गया। वो धूप, भूख प्यास और आवारा जानवरों से बहुत परेशान था। हालत खराब थी परंतु कोई मदद नहीं मिली।

रायसेन जिले की कृषि उपज मंडी गैरतगंज में बनाए गए समर्थन मूल्य गेहूं उपार्जन केन्द्र पर मंगलवार ,बुधवार की दरमियानी रात तकरीबन 12 बजे ग्राम हिनोतियाखास से गेहूं बेचने आए गरीब किसान प्रेमचंद साहू 60 वर्ष की तुलाई के इंतजार एवं भोजन, पानी व छाया के अभाव में दर्दनाक मौत हो गई। तहसील में किसानों के गेहूं उपार्जन केद्रों पर परेशान होने का आरम्भ से ही सिलसिला चल रहा है तथा केन्द्रों पर व्यवस्थाओं का अभाव बना हुआ है। जिसकी परिणिति इस किसान की मौत के रूप में सामने आई है।

मिली जानकारी के मुताबिक हिनोतिया खास का रहने वाला यह किसान ग्राम के ही रामसेवक सेन के साथ बीते रविवार को गेहूं तुलाई के लिए कृषि उपज मंडी स्थित केन्द्र पर आया था।आने के साथ ही यह गरीब किसान मंडी में व्याप्त अव्यवस्थाओं का सामना कर रहा था। उसे मंडी में अन्य किसानों के साथ ही भोजन एवं पानी की सुविधा नसीब नही थी।वही मंडी प्रषासन द्वारा गेहूं की सुरक्षा का कोई इंतजाम नही किए जाने से वह परिसर में गेंहू पर हमला कर रहे मवेशियों के दल को भगा भगाकर परेशान आ चुका था। साथ ही तुलाई के लिए खाली वारदानें में गेहूं भरने की जिम्मेदारी भी इस बूढे किसान को निभाना थी। तेज गर्मी में भूखे प्यासे इस किसान की दिन और रातभर में हालत पतली हो गई तथा देर रात उसने दम तोड दिया।

मामले में प्रशासन ने झाडा पल्ला

गैरतगंज मंडी प्रशासन ने किसान की इस मृत्यु को सामान्य मृत्यु करार देते हुए हृदयाघात से निधन होना बताकर अपना पल्ला झाड लिया। वही केन्द्र के निरीक्षण की जिम्मेदारी संभालने वाली निरीक्षक सुश्री हुमा हुजूर ने भी मंडी प्रशासन की बात मानकर सिर्फ मंडी के केन्द्र पर पहुंचकर किसानो से जानकारी लेकर अपने कर्तव्य की इतिश्री कर ली।

कुल मिलाकर प्रशासन की ओर से मामले को रफादफा कर दिया गया। यह मामला मीडिया के सामने तब उजागर हुआ, जब मंडी के पूर्व संचालक लालजी ठाकुर निवासी ग्राम हिनोतिया खास ने इस घटनाक्रम की जानकारी पत्रकारों तक पहुंचाई। इस मामले में जब पत्रकारो ने मंडी सचिव एनके जैन एवं निरीक्षक हुमा हुजूर से बात की तो उन्होने पुराना राग दोहराते हुए किसान की मौत को सामान्य घटना बताया। वही व्यवस्थाओं के सवाल पर वे गोलमोल जबाब देकर बात को टाल गए। स्थानीय तहसीलदार आलोक पारे से पूछे जाने पर उन्होने बताया कि घटना की जानकारी मिली है,तथा संपूर्ण मामले की जांच कराकर उचित कार्रवाई की जावेगी।

घटनाक्रम के संबंध में किसान लालजी ठाकुर,राजकुमार साहू,प्रद्रीप कुमार,रामचरण लाधी, रामसेवक शर्मा, हरिसिंह इत्यादि ने भी पत्रकारों के दल को मंडी प्रशासन द्वारा बरती जा रही अव्यवस्थाओं की पुष्टि करते हुए बताया कि मंडी स्थित केन्द्रों पर भोजन पानी की व्यवस्था का पूरी तरह अभाव है तथा जानवरो से गेहूं की सुरक्षा के कोई इंतजाम नही किए गए हैं जिसस किसान अत्यधिक परेशान हो रहे है।

मिले मुआवजा नही तो करेगें प्रदर्शन

सांची क्षेत्र के विधायक डा. प्रभुराम चैधरी एवं रायसेन जिला किसान कांग्रेस के जिलाध्यक्ष सुरेन्द्र सिंह रघुवंषी ने किसान की मौत पर गहरा दुख जताते हुए मंडी प्रषासन को इसके लिए दोषी ठहराया है।तथा शासन से परिजनों को 10 लाख रू का मुआवजा देने की मांग की है।यह उनकी मांग एवं किसानो की समस्याओं के प्रति जल्द ही शासन प्रषासन ध्यान नही देगा तो ज्ञापन की कार्रवाई कर प्रदर्षन करेगें।उल्लेखनीय है कि खरीदी की शुरूआत में गेहंू उपार्जन केन्द्रो का दौरा करते हुए रायसेन जिला कलेक्टर जेके जैन ने सभी केन्द्रों पर किसानो को समुचित व्यवस्थाऐं उपलब्ध कराने के निर्देष दिए थे।बावजूद इसके यह घटना घटित हो गई।

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