जिंदगी से हार गई मध्यप्रदेश की 'गुड़िया', नागपुर के अस्पताल में तोड़ा दम

भोपाल। सिवनी जिले के घंसौर की दुष्कर्म पीडि़त गुडिय़ा की नागपुर के अस्पताल में सोमवार रात मौत हो गई। उसका वहां 21 अप्रैल से इलाज चल रहा था।

डॉक्टरों के अनुसार बच्ची के सिर पर गंभीर चोट होने के कारण उसके मस्तिष्क ने काम करना बंद कर दिया था। उसे वेंटीलेटर पर रखा गया था। हॉस्पिटल में बच्ची के माता पिता, मामा तथा अन्य परिजन साथ थे। बताया जा रहा है मंगलवार को पोस्टमॉर्टम के बाद बच्ची का शव घंसौर ले जाया जाएगा। वहीं अंतिम संस्कार होगा।

आरोपियों के खिलाफ अब हत्या की धारा भी- सिवनी कलेक्टर भरत यादव के अनुसार बच्ची की मौत के बाद अब आरोपियों के खिलाफ धारा 367, 376 और 302 का भी अपराध दर्ज होगा। यानी हत्या की धारा भी जोड़ी जाएगी।

यह हुआ था 17 अप्रैल को

घंसौर में 17 अप्रैल को 4 वर्ष की बालिका  लापता हो गई थी। 18 अप्रैल को कब्रिस्तान में बच्ची गंभीरावस्था में मिली थी। दो दरिंदों ने उसका अपहरण कर उसके साथ दुष्कर्म किया था। उसके साथ मारपीट भी की। सिर पर गंभीर चोट आई। फिर उसे मरा समझ छोड़कर भाग गए। बाद में सिवनी पुलिस ने दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया था।

वेंटिलेटर पर गंभीर अवस्था में हो रहा था उपचार

दुष्कर्म पीड़िता की हालत अस्पताल में भर्ती होने के बाद से लगातार गंभीर बनी हुई थी। कृत्रिम श्वास पर उसका उपचार किया जा रहा था। केयर अस्पताल प्रशासन की ओर से प्रवीण मनाडिया और डॉ. अशोक टांक ने बताया कि बच्ची के मस्तिष्क की तंत्र प्रणाली पूरी तरह थम गई थी। रक्त दाब काफी कम हो गया था। उसे हाई डोज दवाइयां दी जा रही थी। इसके बावजूद बालिका की हालत में कोई सुधार नहीं आ रहा था।

शहर में मौत की खबर के बाद छाई खामोशी

दुष्कर्म कांड का पुरजोर विरोध करते हुए शहर के 'युवा जागरूक' समूह ने कड़ा विरोध प्रदर्शन किया था। लोगों ने कैंडल मार्च निकालकर पीड़िता की सलामती के लिए दुआएं भी की, लेकिन सोमवार को उसकी मौत के बाद से शहर में खामोशी पसर गई। प्रदेशभर में इस घटना के बाद से आक्रोश था, लेकिन गुड़िया की मौत के बाद अब सबकी आंखें नम हैं।

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