भोपाल। मध्यप्रदेश में आ रहे विधानसभा चुनावों पर नजर रखने का काम अब एक नहीं बल्कि पूरे 15 निर्वाचन अधिकारी करेंगे। ये सभी अधिकारी किसी अन्य अधिकारी के अधीन नहीं होंगे बल्कि सीधे चुनाव आयोग को रिपोर्ट करेंगे एवं जिला निर्वाचन अधिकारी को भी सीधे ही निर्देशित करेंगे। बस फर्क इतना होगा कि सबके अधिकारक्षेत्र अलग अलग होंगे।
इस प्रकार प्रदेश में कुल 15 अधिकारियों को चुनावी व्यवस्थाओं के प्रबंधन के काम में लगाया जाएगा। ये सभी अधिकारी सीधे आयोग को रिपोर्ट करेंगे। इस व्यवस्था को अमलीजामा पहनाने मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी कार्यालय ने सामान्य प्रशासन विभाग से कहा है।
सूत्रों के मुताबिक गुजरात विधानसभा चुनाव को व्यवस्थित तरीके से अंजाम देने के लिए आयोग ने नोड्ल ऑफिसर तैनात करने का फार्मूला अपनाया था। इसके तहत शासन से विभिन्न गतिविधियों के लिए अधिकारी नियुक्त कराए गए। आयोग को इन मुद्दों पर जो भी काम कराना होता था वह सीधे इनके मार्फत से अंजाम देता था। इसका नतीजा यह हुआ कि चुनाव में कहीं कोई व्यवधान पैदा नहीं हुआ।
इसी मॉडल को मध्यप्रदेश में लागू करने की तैयारी शुरू कर दी गई है। इसके तहत ज्यादातर जिलों में तो 15 गतिविधियों के लिए नोड्ल अधिकारी नियुक्त हो गए हैं। अब राज्य स्तर पर भी इसी कवायद को अंजाम देने की कवायद की जा रही है। आयोग के निर्देश पर मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी कार्यालय ने सामान्य प्रशासन विभाग से अधिकारी नियुक्त कर पूरी जानकारी मांगी है।
मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी कार्यालय के अधिकारियों ने बताया कि नोड्ल अधिकारी आदर्श आचार संहिता का पालन कराने के लिए सभी जिलों को निर्देश भेजने के साथ जिला अधिकारियों से संपर्क में रहेंगे। कार्यालय के पास जो भी शिकायतें आएंगी उन पर कार्यालय की मंशा के मुताबिक कार्रवाई कराने का जिम्मा भी इसी अधिकारी का होगा। इसी तरह से कानून व्यवस्था के लिए तैनात अधिकारी पुलिस मुख्यालय से समन्वय बनाने के साथ जिलों से अमले की दरकार का आकलन कराकर व्यवस्था कराने में भूमिका निभाएगा।
इनके लिए बनेंगे नोडल ऑफीसर
मतदान दल का गठन, ईवीएम, यातायात, प्रशिक्षण, सामग्री व्यवस्था, आदर्श आचार संहिता, व्यय पर निगरानी, आब्जर्वर की व्यवस्था, कानून व्यवस्था, वेलेट पेपर/डमी वेलेट, मीडिया, कम्प्यूटरीकरण, स्वीप प्लान, शिकायत, कम्युनिकेशन प्लान/एसएमएस मॉनीटरिंग।