भोपाल। मध्यप्रदेश में सक्रिय दवा माफिया के चैनल पार्टनर डॉ अशोक शर्मा को लोकायुक्त न्यायालय में चालान पेश हो जाने के बाद शासन ने सस्पेंड कर दिया है। सनद रहे कि इस मामले में दवा माफिया के खिलाफ कोई कार्रवाई प्रक्रिया में नहीं है।
मध्यप्रदेश में मजबूत पकड़ रखने वाले दवा माफिया ने शुरूआत से ही उच्च प्रशासनिक अधिकारियों को अपना चैनल पार्टनर बना रखा है। खुला आरोप है कि यह प्रक्रिया अभी भी जारी है। इस चैनल का खुलासा तब हुआ जब लोकायुक्त ने डॉक्टर योगीराज शर्मा के यहां छापामार कार्रवाई की। इस कार्रवाई में डॉक्टर योगीराज शर्मा के बिस्तरों में से नोटों की गड्डियां मिलीं थीं और पहली बार किसी मामले में नोटों को गिनने के लिए मशीन लगाई गई थी।
चूंकि दवा माफिया अब भी खुला घूम रहा था इसलिए उसने डॉ शर्मा से सेटिंग की और डॉक्टर अशोक शर्मा ने भी इसी परंपरा को आगे बढ़ाया। बाद में डॉ शर्मा भी धर लिए गए।
पहली बार इस मामले में दवा माफिया गैंग के कुछ नाम सामने आए थे। मध्यप्रदेश के तत्कालीन स्वास्थ्य मंत्री अजय विश्नाई का नाम भी इसमें उजागर हुआ। लोकायुक्त ने एफआईआर भी की, परंतु माफिया के दबाव में लोकायुक्त ने एफआईआर में दर्ज तीन प्रमुख लोगों के खिलाफ सबूत पेश नहीं किए, केवल अशोक शर्मा को सजादेही के लिए न्यायालय में प्रस्तुत किया गया।
इससे पूर्व माफिया ने शिवराज सरकार में अपनी मजबूत पकड़ के चलते अशोक शर्मा को बचाने की भी भरपूर कोशिश की गई परंतु चारों आरोपियों को बचाना संभव नहीं हो सका तो अंतत: दुनिया को दिखाने के लिए अशोक शर्मा को बली का बकरा बना दिया गया।
चालान पेश होने के तीन दिन बाद शासन ने डा शर्मा को सस्पेंड कर दिया है।