गैंगरेप की बाढ़: हाईकोर्ट में शिवराज सरकार भंग करने की याचिका मंजूर

इंदौर। जबलपुर हाईकोर्ट की इन्दौर बैंच में शिवराज सरकार को भंग करने की एक याचिका को मंजूर कर लिया है। इस मामले में पीएम व सीएम दोनों का पार्टी बनाया गया है एवं मध्यप्रदेश में राष्ट्रपति शासन लागू करने हेतु आदेश जारी करने का निवेदन किया गया है।

आनंद ट्रस्ट के ट्रस्टी सत्यपाल आनंद की ओर से इंदौर हाईकोर्ट में दायर जनहित याचिका में कहा है कि प्रदेश में हर साल 300 गैंग रेप हो रहे हैं। बीते 5 साल में यहां 1570 गैंग रेप के मामले दर्ज हुए। 2011 में रेप के 3406 मामले दर्ज हुए हैं। इससे लगता है कि प्रदेश में कानून व्यवस्था माकूल नहीं चल रही है। संविधान के मुताबिक, महिलाओं की सुरक्षा करना सरकार का दायित्व है और वह इसमें असफल रही है। ऎसे में संविधान के अनुच्छेद 356 के तहत मप्र सरकार को भंग कर राष्ट्रपति शासन लगा दिया जाना चाहिए। बात को मजबूत करने के लिए सुप्रीम कोर्ट के नौ जजों की बेंच के 1994 के एसआर बोंबई केस का जिक्र याचिका में है।

इसमें सुप्रीम कोर्ट ने व्यवस्था दी थी कि जो सरकार संविधान में दिए गए अधिकारों का पालन न करवा सके, उसे बने रहने का अधिकार नहीं है। हाईकोर्ट जस्टिस पीके जायसवाल और शुभदा वाघमारे की युगल पीठ ने सोमवार को आनंद की याचिका को मंजूर कर लिया। कोर्ट ने केंद्र और राज्य सरकार के गृह विभाग से सचिवों को नोटिस भेजे हैं। सरकार को चार सप्ताह में जवाब पेश करना है।

सीएम, पीएम भी पार्टी

आनंद ने यह याचिका 23 जनवरी 2013 को पेश की थी। आनंद ने बताया, याचिका में प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री के साथ ही मप्र हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस और सुप्रीम कोर्ट के पूर्व चीफ जस्टिस जेएस वर्मा को भी पार्टी बनाया था। कोर्ट ने याचिका में से जजों के नाम हटा दिए हैं, लेकिन प्रधानमंत्री व मुख्यमंत्री के नाम अब भी इसमें शामिल हैं। सरकार के जवाब आने के बाद इन पर विचार किया जाएगा।

कड़वा सच

  • 5 साल में 1570 गैंग रेप में से 99 में ही आरोपियों को सजा हो सकी है
  • 39 मामले तो ऎसे हैं जिनमें आरोपी की गिरफ्तारी भी नहीं हुई है


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