मुख्यमंत्री महोदय, मध्यप्रदेश में क्या महाराष्ट्र की बेटियों को नौकरी देना बंद कर दिया है

भोपाल। महाराष्ट्र में राज ठाकरे का मराठी कार्ड और उत्तर भारतीयों से नफरत जगजाहिर है परंतु मध्यप्रदेश में महाराष्ट्रीयन से नफरत और इसके चलते उन्हें नौकरी  से बेदखल कर देने का नया मामला प्रकाश में आया है। यह पक्षपात छिंदवाड़ा में जिला शिक्षा अधिकारी द्वारा संविदा शिक्षक भर्ती प्रक्रिया में किया जा रहा है।

इस संदर्भ में पीड़ितों में मध्यप्रदेश के संवेदनशील मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के नाम एक खुलाखात भोपालसमाचार.कॉम को प्रेषित किया है। हम यह पत्र शब्दश: प्रकाशित कर रहे हैं। पढ़िए उन पतियों का दर्द जिनकी पत्नियां महाराष्ट्र की मूल निवासी हैं:—

प्रति,

मुख्यमंत्री जी,
मप्र शासन, भोपाल

विषयः- संविदा शिक्षक भर्ती प्रक्रिया 2013 मे म.प्र. की बहुओं को जाति का लाभ मिलने बाबद।

महोदयजी,

उपरोक्त विषयान्तर्गत हम सभी छिंदवाड़ा जिले के निवासी है तथा जन्म से म.प्र. के मूल निवासी है, लेकिन हमारी शादी निकटतम राज्य महाराष्ट्र की लडकियो से हुई है।

महोदयजी हमारी सभी पत्नियो को म.प्र. मे वोट देने का अधिकार है साथ ही म.प्र. शासन के सभी नियमो को पालन करने को कहा जाता है परंतु आज हमे जिला शिक्षा अधिकारी छिंदवाड़ा द्वारा हमारी पत्नियों के जाति प्रमाण पत्र जो कि महाराष्ट्र से बने है, को अमान्य कर दिया गया है। यह लिखकर दिया है। दस्तावेज संलग्न है

माननीय जिला शिक्षा अधिकारी छिंदवाड़ा द्वारा यह कहा गया कि आपकी पत्निया इस राज्य की नही है इसलिये उन्हे मप्र शासन की कोई भी नौकरी नही दी जायेगी।  महोदयजी इसके पूर्व सन् 1998, 2003 तथा 2007 में हुये भर्ती प्रक्रिया मे महाराष्ट्र राज्य के जाति प्रमाण पत्र के आधार पर ही अन्य अभ्यर्थी को सरकारी नौकरी दी गई, जो आज म.प्र. शासन मे सरकारी (अध्यापक संवर्ग) पद पर सेवारत है। इसके संदर्भ मे जब हमने जिला शिक्षा अधिकारी से बात करनी चाही तो उन्होने हम यह कहकर भगा दिया की इसके पूर्व जो हुआ वह बात हमसे न करे ।

महोदयजी व्यापम द्वारा करायी गई इस परीक्षा मे दर्शाये गये नियमो मे कही भी इस बात का उल्लेख नही किया गया था कि अन्य राज्य की बहु-बेटियो को जाति प्रमाण पत्र का लाभ नही दिया जायेगा ।

महोदयजी अगर यह नियम व्यापम के आवदेन फार्म भरते समय दिये जाते तो म.प्र. के हजारो अभ्यर्थी आवेदन नही करते और इस तरह उन्हे पिछले दो सालो से आर्थिक व मानसिक परेषानियो का सामना नही करना पड़ता ।

अतः आपसे करबध्द निवेदन है कि स्पष्ट दिषा निर्देष दिनांक 30.03.2013 के पूर्व जारी करने का कष्ट करे ताकि म.प्र. की हजारो बहु बेटियो को इसका लाभ मिल सके।

आपके इस ऐतिहासिक फैसले का म.प्र. की बहु बेटियो को इंतजार रहेगा ।



दिनांक:- 23.03.2013
आवेदक

समस्त अभ्यर्थीगण
जिला-छिंदवाड़ा,म.प्र.

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