थाने में तोड़फोड़, पुलिस सहायता केन्द्र जलाया, पुलिसवालों ने भागकर बचाई जान

भोपाल। तीन दिन पहले शिवपुरी में अपहृत हुए प्रॉपर्टी डीलर के 11 वर्षीय बेटे को पुलिस मुक्त नहीं करा पाई। बीती शाम उसकी लाश एक तालाब के किनारे पड़ी मिली। बस फिर क्या था, रात करीब 8:30 बजे से 12 बजे तक सड़कों पर उतरी भीड़ ने जमकर विरोध जताया। भीड़ का टारगेट केवल और केवल पुलिस थी। भीड़ ने पहले थाने में तोड़फोड़ की, फिर पुलिस सहायता केन्द्र में आग लगा दी।

भीड़ का यह हमला देखकर पुलिसवाले थाना और चौकियां खाली छोड़कर भाग खड़े हुए। भीड़ ने शहर की हर सड़क पर बनी पुलिस की गुमटियों में भी आग लगा दी। इतना ही नहीं पुलिस सहायता केन्द्र के पास रखीं पुलिस कर्मचारियों के वाहन भी फूंक डाले।

पूरे दो घंटे तक भीड़ लगातार पुलिस पर हमला करती रही। लोगों का आरोप था कि यदि पुलिस सक्रिय होती तो अपहृत मासूम जिंदा बच जाता। पुलिस की लापरवाही के कारण ही अपहरणकर्ताओं के हौंसले बढ़े एवं उन्होंने इस जघन्य हत्याकांड को अंजाम दिया।

बेकाबू हुई भीड़ को कंट्रोल करने के लिए एसपी शिवपुरी ने तत्काल आरक्षित फोर्स को बुलाया एवं कई राउंड हवाई फायर किए गए। इतने पर भी जब भीड़ नियंत्रित नहीं हुई तो आंसू गैस से दर्जनों गोले छोड़े गए। रात करीब 12:30 बजे माहौल कुछ शाम हुआ।

कलेक्टर शिवपुरी ने शहर में धारा 144 लगा दी है।

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