सुषमा स्वराज के रायसेन में रेल की मांग को लेकर पदयात्रियों के पैरों में पड़ गए छाले

भोपाल। जिले को रेलवे लाइन से जोड़े जाने के लिए पदयात्रा निकाल रहे लोगों के पैरों में छाले उभर आए है लेकिन जिले के विकास के लिए मांग कर रहे पदयात्रियों के कदम लडखड़ाए नहीं है और उनके जुबां से बस एक शब्द निकाल रहा दीदी जिले को रेलवे लाइन से जुड़वाओं।

करीब 143 किमी दूरी की पदयात्रा पर निकले पदयात्रियों में 75 वर्षीय बुजुर्ग खास ङ्क्षसह आदिवासी,उदयराम यादव भी शामिल है जिन बुजुर्गों को आराम करना चाहिए लेकिन वो भी रेलवे लाइन की मांग को लेकर पैदल चल पड़े और जिले के विकास का सपना संजोए हुए है। पदयात्रियों में 19 वर्षीय युवा गया प्रसाद कुशवाह और भाई साहब लोधी शामिल है जो पहली बार किसी आंदोलन में भागीदारी कर रहे है।


पैरों से विकलांग हौसले बुलंद


रेल लाइन को लेकर पदयात्रा में शामिल हुए दोनों पैर से विकलांग देशराज कुशवाह ने भी हिस्सा लिया है और इसी तरह कई युवा और वयोबृद्ध भी शामिल हुए। पदयात्रा में प्रमुख रूप से सुरेन्द्र रघुवंशी, उमा शंकर राय, कमलेश रघु, अबरार नाना, राम मोहन लोधी,औमकार रघुवंशी,आदि शामिल है।


कमजोर हो गई सशक्त आवाज 


क्षेत्र की जनता के मन एक ही सवाल उठ रहा है कि देश की सबसे सशक्त आवाज और संसद में सरकार को घेरने के लिए पहचाने जानी वाली दीदी सुषमा स्वराज  की आवाज इतनी कमजोर कैसे हो गई कि क्षेत्र की जनता को रेलवे लाइन की सौगात देने के बाद भी सौगात पर अमली जामा नहीं पहनाया जा सका। जबकि रायसेन वासियों ने दीदी का नागरिक अभिनंदन भी किया था कि उन्होनें क्षेत्र के विकास के सपने को साकार करने के लिए रेलवे लाइन से जोड़े जाने की बात कहीं थी। लेकिन जन जन को लग रहा कि उनका रेल लाइन का सपना सच नहीं हो रहा है।







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