भोपाल। राजधानी में आज अपनी मांगों के समर्थन में रैली निकाल रहे करीब 700 अतिथि शिक्षकों को पुलिस ने जबरन उठाकर सेंट्रल जेल में ठूंस दिया गया। अतिथि शिक्षक केवल शासन के प्रतिनिधि से मिलकर ज्ञापन सौंपना चाहते थे।
मध्यप्रदेश अतिथि शिक्षक संघ के बेनर तले पूरे मध्यप्रदेश से अतिथि शिक्षकों का राजधानी में जुटना गुरूवार से ही शुरू हो गया था, परंतु प्रशासन ने उन्हें प्रदर्शन एवं रैली की अनुमति नहीं दी। शुक्रवार को उन्हें रैली की अनुमति दी गई। अतिथि शिक्षकों ने रैली निकाली और नीलम पार्क में जाकर अनशन शुरू कर दिया। धीरे धीरे यहां अतिथि शिक्षकों की संख्या भी बढ़ती चली गई।
प्रदेश के सभी जिलों से यहां एकजुट हुए अतिथि शिक्षकों की मांग थी कि वो शासन स्तर के अधिकारी या सरकार के प्रतिनिधि से मिलकर ज्ञापन सौंपना चाहते हैं, परंतु अचानक पुलिस आई और प्रांताध्यक्ष राजेश चन्द्रवंशी समेत सभी 700 अतिथि शिक्षकों को गाड़ियों में भरकर ले गई।
सभी आंदोलनकारियों को भोपाल की सेंट्रल जेल में ठूंस दिया गया है। दोपहर 2 बजे अरेस्ट किए गए अतिथि शिक्षकों को शाम 7 बजे तक पेयजल तक उपलब्ध नहीं कराया गया और न ही किसी अधिकृत अधिकारी ने उनसे कोई मुलाकात की।
इधर नीलम पार्क में देर से पहुंचे अतिथि शिक्षकों का जमावड़ा लग गया है। समाचार लिखे जाने तक वहां करीब 200 अतिथि शिक्षक एकजुट हो चुके थे।
संयुक्त अध्यापक मोर्चा के प्रांताध्यक्ष मुरलीधर पाटीदार ने भोपाल पुलिस की इस कार्रवाई की निंदा की है एवं कहा है कि इस तरह की कार्रवाईयां आंदोलन को और ज्यादा भड़कातीं हैं। शासन को उनकी बात सुनना चाहिए। यह उनका अधिकार और शासन का कर्तव्य है।
संयुक्त अध्यापक मोर्चा के प्रांताध्यक्ष मुरलीधर पाटीदार ने भोपाल पुलिस की इस कार्रवाई की निंदा की है एवं कहा है कि इस तरह की कार्रवाईयां आंदोलन को और ज्यादा भड़कातीं हैं। शासन को उनकी बात सुनना चाहिए। यह उनका अधिकार और शासन का कर्तव्य है।