भोपाल। नेता प्रतिपक्ष श्री अजय सिंह ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के महाजनसंपर्क अभियान को महाढोंग बताते हुए कहा कि जो प्रदेश भ्रष्टाचार, अपराध और अराजकता मे आकंठ डूबा हो वहां आंकड़ों बाजीगिरी से वे 3-13 कर के अपना बदनुमा चेहरा नहीं ढक सकते।
नेता प्रतिपक्ष श्री सिंह ने कहा कि मुख्यमंत्री में साहस हो तो वे बताएं कि पिछले दस सालों में केन्द्र सरकार से उन्हें विकास के लिए कितना पैसा मिला। श्री सिंह ने कहा कि मुख्यमंत्री यह भी बताएं कि उसमें से कितना पैसा भ्रष्टाचार में खर्च हुआ।
श्री सिंह ने कहा कि पिछले दस सालों में भ्रष्टाचार के ग्राफ में पूरे देश में सबसे अव्वल रहने वाले मध्यप्रदेश के 47 सालों के इतिहास में इतना भ्रष्टाचार कभी नहीं हुआ जितना पिछले दस सालों में हुआ। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री के साहस है तो वे भ्रष्टाचार की तुलना बता दें।
नेता प्रतिपक्ष श्री सिंह ने कहा कि महिलाओं की ज्यादती के मामले में पूरे देश मे मध्यप्रदेश अव्वल है लेकिन शिवराज सिंह चैहान भांजियों के मामा और बहनों के भाई बनकर अपना यशोगान करवाने में लगे है। श्री सिंह ने कहा कि देश में सर्वाधिक ग्यारह हजार किसानों ने मध्यप्रदेश में आत्महत्या की ओर हमारे मुख्यमंत्री कृषि विकास दर का पुरस्कार गले में लटकाकर प्रचारित कर रहे है। श्री सिंह ने कहा कि एक साल में 21 हजार बच्चे बीमारियों से इलाज के अभाव में मौत का शिकार होते है लेकिन मुख्यमंत्री 3-13 के फेर में लगे है।
श्री सिंह ने कहा कि मध्यप्रदेश को पिछले दस सालों में एक लाख करोड़ विभिन्न योजनाओं मे केन्द्र से मिले। इनमें 21 करोड़ मनरेगा, 9 हजार करोड़ राष्ट्रीय ग्रामीण में, 3 हजार करोड़ कृषि में, 3 हजार करोड़ शहरी विकास सहित ग्रामीण विकास, जल संसाधन, महिला बाल विकास, अनुसूचित जाति, जनजाति सहित अनेक क्षेत्रों में 64 हजार करोड़ मिला है।
नेता प्रतिपक्ष श्री सिंह ने कहा कि यह सरकार इतनी बेइमान है कि उसने इन पैसों का ठीक से उपयोग तक नहीं किया, भ्रष्टाचार किया और कई करोड़ राशि लैप्स तक हो गई। श्री सिंह ने कहा कि मुख्यमंत्री में साहस है तो वे बताए के कांग्रेस सरकार को 1993 से 203 तक कितना पैसा केन्द्र की एन.डी.ए. सरकार ने दिया और भाजपा सरकार के वर्तमान दस साल में कितना पैसा केन्द्र की यू.पी.ए. सरकार ने उन्हें दिया।
श्री सिंह ने कहा कि छत्तीसगढ़ विभाजन और व्याप्त सूखे के बाद अचानक आई संसाधनों की कमी से 2000 से 2003 तक जो प्रतिकूल परिस्थितियां थी उसमें भी कांग्रेस पार्टी ने बेहतर शासन चलाया। आज जब केन्द्र से मध्यप्रदेश को भरपुर पैसा मिल रहा है उसके बाद भी उसकी तुलना में विकास की रफ्तार अपेक्षाकृत कम है।