भोपाल। नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह ने भाजपा सरकार पर आरोप लगाया है कि रीवा जिले में 14 मजदूरों की मौत के जिम्मेदार आरोपी को संरक्षण दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि हाल ही में रीवा जिले में निर्माणाधीन राइस मिल की दीवार गिरने से मृत दस मजदूरों के दोषी के खिलाफ घटना के एक हफ्ते बीतने के बाद भी कोई प्रकरण दर्ज नहीं किया गया क्योंकि वह ऊर्जा मंत्री राजेन्द्र शुक्ला का मौसेरा भाई है।
नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को लिखे पत्र में कहा कि रीवा का जिला प्रशासन ऊर्जा मंत्री के इतने दबाव में है कि रीवा में ही रानी तलाब की दीवार गिरने से चार मजदूरों के मृत्यु होने पर भी उसने मुख्य आरोपी महेन्द्र शुक्ला को बचाया जिसका नतीजा यह है कि इसी ठेकेदार ने राइस मिल के निर्माण में जो कोताही बरती उससे दस मजदूरों की मृत्यु हो गई।
नेता प्रतिपक्ष श्री सिंह ने पत्र में मुख्यमंत्री से कहा कि वैंसे तो हर मुद्दे पर बड़े संवेदनशील होने का दिखावा करते है लेकिन 14 मजदूरों की मौत पर उन्हें कोई दुःख नहीं हैं। उन्होंने कहा कि रीवा जिले के ऊर्जा मंत्री होने के बाद भी ऊर्जा मंत्री राजेन्द्र शुक्ला एक भी बार उन मृत मजदूर परिवारों की सुध लेने नहीं गए। श्री सिंह ने कहा कि राजेन्द्र शुक्ला 14 मजदूरों की मृत्यु के मुख्य आरोपी अपने मौसेरे भाई को निरंतर बचा रहे है और उनके दबाव में जिला प्रशासन उनके साथ कदम ताल कर गरीब मजदूरों की आवाज को दबाकर मामले की लीपापोती करने में जुटा है।
श्री सिंह ने कहा कि मुख्यमंत्री अपने मंत्री के प्रति मोह त्याग कर गरीब मजदूरों की सुने और उन्हें न्याय दिलाने के लिए सबसे पहले राइस मिल और रानी तालाब के दीवार गिरने से मृत 14 मजदूरों की मृत्यु के दोषी महेंद्र शुक्ला के खिलाफ प्रकरण दर्ज कर उन्हें गिरफ्तार कराएं। उन्होंने कहा कि जांच के नाम पर मंत्री के दबाव में कमेटी बनाकर लीपापोती करवाने और इसके दोषियों को संरक्षण देने के लिए राजेन्द्र शुक्ला को तत्काल मंत्रिमंडल से बाहर करे।
नेता प्रतिपक्ष ने अपने पत्र में राइस मिल निर्माण में अनियमितता होने का आरोप लगाते हुए मुख्यमंत्रीजी से पूछा है कि वे बताएं कि-
- क्या घटना दिनांक तक राइस मिल के निर्माण की संबंधित ग्राम पंचायत से कोई अनुमति ली गई थी। अगर ली गई है तो उसकी दिनांक बताएं।
- जिस भूमि पर राइस मिल निर्माणाधीन है उस भूमि का डायवर्सन हुआ है? कब हुआ।
- उद्योग विभाग ने इस मिल को बनाने की अनुमति ली गई है अगर ली गई है तो उसकी दिनांक।
- क्या इस मिल के निर्माण में बाल मजदूर काम नहीं कर रहे थे।
श्री सिंह ने कहा कि जांच के नाम पर उपरोक्त अनियमितताओं को दुरूस्त करने का पूरा अवसर ऊर्जा मंत्री के दबाव में जिला प्रशासन आरोपी को दे रहा है। श्री सिंह ने मांग की कि राइस मिल के मालिक और ठेकेदार महेंद्र शुक्ला के विरूद्ध बाल श्रमिक कानून का उल्लंघन करने का भी प्रकरण दर्ज किया जाए और मजदूरों के परिवारों को 5-5 लाख मुआवजा दिया जाए।