सीएम अखिलेश यादव के लिए सिरदर्द बने शिवराज सिंह

भोपाल (उपदेश अवस्थी)। देश के सबसे बड़े प्रदेश जिसे आधा भारत भी कहा जाता है, के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के लिए मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान सिरदर्द बन गए हैं। लोग शिवराज सिंह का उदाहरण गिना गिनाकर उनसे मांगें कर रहे हैं और आंदोलित हैं। 

मामला शहीद हेमराज के परिजनों का जो हड़ताल पर हैं एवं ताजा जानकारी के अनुसार उनकी पत्नि की हालत बिगड़ गई है। शहीद हेमराज के परिजनों का कहना है कि शहीद सुधाकर सिंह के अंतिम संस्कार में मध्य प्रदेश में वहां के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान खुद उपस्थित थे लेकिन यहां हमारा हाल जानने कोई नहीं आया। 

सनद रहे कि मध्यप्रदेश सरकार ने शहीद के परिजनों को घोषणा के अनुसार 15 लाख रुपए सौंप दिए हैं एवं उनकी पत्नि के समक्ष सरकारी नौकरी का प्रस्ताव मौजूद है जिस पर उनकी ओर से अभी तक कोई निर्णय नहीं आया है। सरकार प्रतीक्षा में है, जैसे ही वो किसी निर्णय पर पहुंचेंगी, सरकार उनकी नियुक्ति प्रक्रिया प्रारंभ कर देगी। इसके अलावा एक प्लॉट दिए जाने की प्रक्रिया पर भी काम किया जा रहा है। इसके अलावा मध्यप्रदेश में विपक्षी दल कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष कांतिलाल भूरिया ने भी अपनी सांसद निधि से शहीद के परिजनों को 5 लाख रुपए देने की घोषणा की है।

इस मामले ने मध्यप्रदेश की छवि पूरे उत्तरप्रदेश में उज्जवल कर दी है। जहां एक ओर सरकार संवेदनशील है वहीं दूसरी ओर विपक्ष भी केवल सवाल और आंदोलन नहीं करता। ऐसे मामलों में वो सरकार के साथ रहता है। शहीद सुधार के अंतिम संस्कार में सीएम शिवराज सिंह के अलावा विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष कांग्रेस नेता अजय सिंह भी शामिल हुए थे।

शिवराज सिंह की सदाशयता का हवाला देकर शहीद हेमराज के परिजनों ने अपनी उपेक्षा पर नाराजगी जताई । राज्य के युवा मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के साथ ही केंद्र सरकार के किसी भी नुमाइंदे के अंतिम संस्कार के दौरान उपस्थित नहीं रहने से नाराज हेमराज के परिजन भूख हड़ताल पर बैठे हैं। अनशन पर शहीद की पत्नि एवं भाई शामिल हैं। 

बताया जाता है कि मथुरा जिले के रहने वाले शहीद हेमराज का अंतिम संस्कार बीते दिनों किया गया था, लेकिन इस दौरान केंद्र सरकार और राज्य सरकार का कोई नुमाइंदा नहीं पहुंचा। इसके अलावा परिजनों का यह भी आरोप है कि जिला स्तर का कोई आला अधिकारी भी समय पर नहीं पहुंचा।

शहीद हेमराज के भाई ने आरोप लगाते हुए कहा कि केंद्र सरकार और राज्य सरकार के इस रवैये से काफी दुख पहुंचा है। न तो मुख्यमंत्री हमारे आंसू पोंछने आए और न ही उनकी सरकार का कोई मंत्री ही यहां पहुंचा। उन्होंने कहा कि एक तरफ शहीद सुधाकर सिंह के अंतिम संस्कार में मध्य प्रदेश में वहां के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान खुद उपस्थित थे लेकिन यहां हमारा हाल जानने कोई नहीं आया।

समाचार लिखे जाने तक इस मामले में उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की ओर से शहीद के परिजनों को किसी प्रकार की सहायता नहीं दी गई है एवं सरकार की ओर से अनशन तुड़वाने के लिए किसी प्रकार की कोशिश नहीं की जा रही है।

कुल मिलाकर मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह उत्तरप्रदेश में भी लोकप्रिय होते जा रहे हैं और उनकी महत्वाकांक्षी योजना के लिए यह अच्छे संकेत हैं। 
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