भोपाल। मनरेगा में चल रहे जबर्दस्त भ्रष्टाचार एवं कड़ी कार्रवाईयों के बावजूद नहीं रुक रहे गड़बड़झालों से त्रस्त मध्यप्रदेश केबीनेट ने आज मनरेगा में लोकपाल की नियुक्ति को मंजूरी दे दी है। केबीनेट का मानना है कि लोकपाल की नियुक्ति के बाद मध्यप्रदेश सरकार पर मनरेगा में भ्रष्टाचार का कलंक नहीं लगेगा।
महात्मा गाँधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना में अधिक पारदर्शिता और उत्तरदायित्व सुनिश्चित करने के लिये ‘मनरेगा लोकपाल’की नियुक्त का निर्णय लिया गया। इससे योजना के संबंध में मिलने वाली शिकायतों का त्वरित निराकरण हो सकेगा। मनरेगा लोकपाल योजना में निर्धारित कार्य नियमों के अनुसार शिकायतों की जाँच करेंगे। वे दोषियों के विरुद्ध समुचित कार्रवाई करने के लिये अपनी अनुशंसाएँ और निष्कर्ष राज्य शासन को भेजेंगे।
मनरेगा लोकपाल राज्य सरकार के क्षेत्राधिकार से स्वतंत्र रहकर कार्य करेंगें। प्रदेश में कुल 21 मनरेगा लोकपाल नियुक्त होंगे। वे संभागीय सर्तकता समिति के सदस्य के कार्यक्षेत्र वाले क्षेत्र में कार्य करेंगे। इस कदम से मनरेगा के कार्यों में अधिक पारदर्शिता आयेगी, गुणवत्ता बेहतर होगी और मजदूरी का भुगतान समय पर हो सकेगा।
मनरेगा लोकपाल राज्य सरकार के क्षेत्राधिकार से स्वतंत्र रहकर कार्य करेंगें। प्रदेश में कुल 21 मनरेगा लोकपाल नियुक्त होंगे। वे संभागीय सर्तकता समिति के सदस्य के कार्यक्षेत्र वाले क्षेत्र में कार्य करेंगे। इस कदम से मनरेगा के कार्यों में अधिक पारदर्शिता आयेगी, गुणवत्ता बेहतर होगी और मजदूरी का भुगतान समय पर हो सकेगा।