मंत्री लक्ष्मीकांत शर्मा केम्प के खिलाफ जांच शुरू, मामला बहुमूल्य मैग्नीज खदान का

भोपाल। जनसंपर्क मंत्री लक्ष्मीकांत शर्मा केम्प के मुखिया सुधीर शर्मा एवं उनके भाई ब्रजेंद्र शर्मा के खिलाफ केन्द्र सरकार की ओर से एक जांच शुरू की गई है। यह जांच झाबुआ के कजली डांगरी की मैग्नीज खदान के मामले में की जा रही है एवं आदेश केन्द्रीय खान मंत्री दिनशा पटेल ने जारी किए हैं। 

कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष कांतिलाल भूरिया के इलाके में मौजूद करोड़ों उगलने वाली इस खदान का संचालन एसआर फैरो कंपनी के पास है। भाजपा नेता सुधीर शर्मा और उनके भाई ब्रजेंद्र शर्मा इस कंपनी के पार्टनर हैं। दोनों के ठिकानों पर आयकर छापे पड़ चुके हैं। कांग्रेस नेता केके मिश्रा ने शर्मा बंधुओं के संबंध में केंद्र को शिकायत की थी। केन्द्र की ओर से केके मिश्रा को बताया गया है कि इस मामले में जांच शुरू हो गई है। भारतीय खनिज ब्यूरो की रिपोर्ट के अनुसार एसआर फैरो ने जालान इस्पात कंपनी से खदान हासिल करने के लिए वर्ष 2002 के दो दस्तावेज ऎसे लगाए, जिसमें सरकारी आदेश क्रमांक 2006 का मौजूद था। 

जालान इस्पात के गोपाल जालान ने 19 दिसंबर 2002 को खदान हस्तांतरित करने का जो आवेदन दिया था उस पर खदान के आवंटन का जो आदेश क्रमांक एफ-2-113/97/12/2 लिखा गया है। वह खनिज मंत्रालय द्वारा 22 नवंबर 2006 में जारी आदेश का क्रमांक है। इसके साथ ही जालान ने ब्रजेंद्र शर्मा को इस खदान के संबंध में व्यवहार करने के लिए 9 दिंसबर 2002 को पॉवर ऑफ एटॉर्नी नियुक्ति किया था। इसके स्टांप पर भी खदान आवंटन आदेश का जो क्रमांक अंकित है वह भी 2006 में जारी आदेश का है। 


केन्द्र के दल को मध्यप्रदेश में रिसीव तक नहीं किया गया था


भारतीय खनिज ब्यूरो के उप नियंत्रक मनीष के. मेहंदीरत्ता ने अपनी रिपोर्ट में इस बात विशेष उल्लेख किया है कि खनिज मंत्रालय ने 30 मई 2012 को पत्र लिखा कि 16 जुलाई 2012 को जांच दल झाबुआ जाएगा। यह बात मध्यप्रदेश के भौमिकी व खनिकर्म संचालक को भी लिखित में बताई गई। बाद में जांच की तारीख 13 जुलाई हुई और इसकी जानकारी भी राज्य सरकार को दी गई और कहा गया कि संचालक की ओर से कोई अधिकारी भी साथ में जाए। सरकार ने 13 जुलाई तक कोई अधिकारी नहीं दिया तो 14 जुलाई को भारतीय खनिज ब्यूरो के उप नियंत्रक मनीष के. मैंतदीरता अकेले ही जांच करने पहुंचे। बाद में वे झाबुआ के अतिरिक्त खनिज अधिकारी जी. तिवारी से मिले और जानकारियां लीं।



क्या होता है मैग्नीज


इस धातू के बारे में बहुत से लोगों को जानकारी होगी परंतु हम केवल यह दोहराना चाहते हैं​ कि यह अत्यंत ही दुर्लभ धातू है, विश्वस्तर पर इसकी मांग जबर्दस्त है एवं जो भी मग्नीज की खदान का संचालक होगा, वह कितने करोड़ का स्वामी होगा, इसका अंदाजा लगाना भी मुश्किल है।
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