नियम से बड़े EE: आपको दिक्कत है तो बाहर बैठें



सीहोर। जिले के कलेक्टर कविन्द्र कियावत नियमों को लेकर जितने संवेदनशील हैं, उनके अधिनस्त उतने ही लापरवाह। सरकारी कार्यालयों में खुलेआम धूम्रपान किया जा रहा है। यही नहीं उन्हें इस बात का भी एहसास है कि वह नियमों की धज्जियां उड़ा रहे हैं। बावजूद इसके वह कहते हैं कि हम यहां के सरकार हैं... डर काहे का।


प्रशासन के प्रमुख विभागों में शामिल जल संसाधन विभाग में प्रतिदिन धुम्रपान अधिनियम का उल्लंघन कई मर्तबा किया जाता है, वह भी बेखौफ, बेधड़क, यदि इस दौरान कोई याद दिला दे कि नियमों का उल्लंघन हो रहा है, तो बजाए अपनी गलती सुधारने के विभाग के एक्ज्यूकिटिव इंजीनियर अविनाश कुलकर्णी हाथ में सिगरेट को लहराते हुए कहते हैं कि यह जुर्म नहीं है। दरअसल बात केवल एक सिगरेट पीने भर की नहीं है, इस जिम्मेदार अधिकारी को हर रोज अपने कक्ष में कुर्सी पर बैठकर सिगरेट पीते हुए विभाग के कर्मचारी और उनसे मिलने आने वाले लोग देखते हैं। निश्चित तौर पर इनकी इस बेखौफ अदा का असर नीचले कर्मचारियों पर पड़ता होगा और वह भी सरकारी कार्यालय में उतनी ही बेखौफी से धुम्रपान करते होगें।

आपको दिक्कत है तो बाहर बैठें...


इस जिम्मेदार की हिमाकत की भी दाद देनी होगी। विभाग के सूत्रों ने एक किस्सा बताया कि कि जनाब से कुछ शहर के वजनदार नेता उनके कक्ष में मिलने पहुंचे, साहब धुम्रपान में व्यस्त थे, नेताओं ने उन्हें नियमों का हवाला देकर धुम्रपान ना करने की बात कही तो एक्ज्यूकिटिव इंजीनियर अविनाश कुलकर्णी ने कहा कि आपको दिक्कत है तो आप मैरे सिगरेट पीने तक बाहर बैठें। यह एक किस्सा भी हो सकता है, लेकिन श्री कुलकर्णी की धुम्रपान की लत नियमों पर भारी पड़ रही है।

धूंआ न लगे तो एसी का इस्तमाल


सरकारी सुविधा का बेजा इस्तमाल करने से भी श्री कुलकर्णी चूकते नहीं हैं। प्रदेश के मुखिया शिवराज सिंह चौहान ने सरकारी कार्यालयों में एसी के बेजा इस्तमाल पर भले ही रोक लगा दी हो, लेकिन यह दबंग अफसर श्री चौहान के निर्देश से इत्तेफाक नहीं रखते हैं। यह केवल एसी इसलिए चलाते हैं कि सिगरेट का धूंआ उन्हें परेशान न करे। इस मौसम में भी वह एसी का इस्तमाल कर रहे हैं।

तो क्या होगी कार्यवाही..


धुम्रपान अधिनियम के लागू होने के बाद तहसील कार्यालय सहित अन्य जिले के कार्यालयों में आम आदमी के धुम्रपान करने पर जुर्माने ठोके  गए, इस कार्यवाही से प्रशासन ने अपनी पीठ भी थपथपाई, लेकिन अब प्रशासन की असली परीक्षा है। जब सरकारी विभाग का प्रमुख खुलेआम अपने कक्ष में सरकारी कुर्सी पर बैठकर अधिनियम को सिगरेट के धूंए में उड़ा रहा है। क्या इस पर कार्यवाही होगी...?

अधिनियम का उल्लंघन तो है ही व्यक्तिगत तौर पर भी यह गलत है, निश्चिततौर पर कार्यवाही की जाएगी।

कविन्द्र कियावत
कलेक्टर सीहोर

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