भोपाल। मध्यप्रदेश की आराध्य नदी नर्मदा, अब अपनी बहन गंगा से जा मिलेगी। दोनों बहनों की यह मुलाकात सीधे नहीं होगी, बल्कि वो क्षिप्रा और यमुना को साथ लेते हुए अपनी गंगा से मिलेंगी। नर्मदाजी का यह गंगा मिलन निश्चित रूप से रोमांचकारी है और धर्मगुरुओं के लिए एक नया विषय।
मालवांचल को नर्मदा का जल उपलब्ध करवाने की जिस महत्वाकांक्षी नदी लिंक परियोजना निर्माण की शुरूआत हो रही है वह प्रत्यक्ष रूप में नर्मदा का पाँच क्यूमेक जल उद्वहन कर क्षिप्रा के उद्गम स्थल में प्रवाहित करने की है। प्रत्यक्ष रूप में इसे दो पवित्र नदियों के मेल के रूप में देखा जा रहा है। लेकिन यह केवल नर्मदा का क्षिप्रा से ही मिलन नहीं होगा।
नर्मदा का जल क्षिप्रा में प्रवाहित होते हुए चम्बल नदी में मिलेगा। चम्बल नदी के माध्यम से यह जल उत्तरप्रदेश के जालोन जिले की माधोगढ़ तहसील से यमुना में मिल जायेगा। यमुना से होता हुआ यह जल इलाहाबाद में गंगा नदी से जा मिलेगा। यद्यपि नर्मदा से क्षिप्रा में प्रवाहित जल के अधिकतम भाग का उपयोग मालवांचल में होगा तथापि नर्मदा जल का यह प्रवाह क्षिप्रा से गंगा तक पहुँचेगा। इस प्रकार नर्मदा-क्षिप्रा सिंहस्थ लिंक परियोजना में प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष रूप से नर्मदा का मिलन क्षिप्रा, चम्बल, यमुना और गंगा से भी होगा।