भोपाल। आने वाले दिनों में मध्यप्रदेश में आदिम जाति कल्याण विभाग के अंतर्गत 28 नए इंग्लिश मीडियम बोर्डिंग स्कूल्स खुलने जा रहे हैं। अब अनुसूचित जाति जनजाति के बच्चे भी हाईटेक एज्यूकेशन प्राप्त कर सकेंगे। यह निर्णय मध्यप्रदेश की केबीनेट मीटिंग में लिया गया।
प्रदेश में आदिवासी वर्ग के बच्चे अंग्रेजी माध्यम से अध्ययन कर सकें, इसके लिये आदिम-जाति कल्याण विभाग द्वारा इस वर्ष 28 नवीन आश्रम-शालाएँ मंजूर की गई हैं। इसके लिये विभागीय बजट में 86 करोड़ से अधिक का प्रावधान किया गया है। प्रत्येक नवीन आश्रम-शाला की क्षमता 50 सीटर है।
धार जिले में तिरला, उमरवन और डही में कन्या एवं धरमपुरी और निसरपुर विकास खण्ड में बालक आश्रम-शाला, अलीराजपुर जिले के कट्ठीवाड़ा में बालक और उदयगढ़ में कन्या आश्रम-शाला मंजूर किये गये हैं। झाबुआ जिले के थांदला में कन्या एवं राणापुर विकास खण्ड में बालक आश्रम-शाला, खरगोन जिले के सेगाँव में कन्या एवं गोगाँव में बालक, बड़वानी जिले के निवाली में कन्या एवं पानसेमल में बालक, बैतूल जिले के घोड़ाडोंगरी में बालक आश्रम-शाला को मंजूरी दी गई है।
इसी प्रकार छिंदवाड़ा जिले के तामिया में कन्या एवं हर्रई में बालक आश्रम-शाला, सिवनी जिले के छपारा में कन्या एवं धनौरा में बालक आश्रम-शाला स्वीकृत की गई हैं। मण्डला जिले के बिछिया और नारायणगंज में कन्या एवं मवई और बीजाडांडी विकास खण्ड में बालक आश्रम-शाला, डिण्डोरी जिले के समनापुर में कन्या एवं मेंहदवानी और अमरपुर में बालक आश्रम-शाला स्वीकृत की गई हैं। शहडोल जिले के सोहागपुर और पुष्पराजगढ़ में कन्या आश्रम-शाला एवं पाली आदिवासी विकास खण्ड में बालक आश्रम-शाला खोले जाने की मंजूरी दी गई है।
विभाग द्वारा स्वीकृत की गई आश्रम-शालाओं के लिये 28 अधीक्षक समेत 132 अंश-कालिक कर्मचारियों की सेवाओं के लिये भी बजट में राशि का प्रावधान किया गया है। प्रदेश में 12वीं पंचवर्षीय योजना 2012 से 2017 के बीच 48 नवीन अंग्रेजी माध्यम शालाएँ खोली जानी हैं। इसके लिये 525 करोड़ से अधिक की राशि का प्रावधान किया गया है।