150 साल से हो रहा है यमराज का पूजन

भोपाल। यहां शिव-पार्वती परिवार की मूर्तियां स्थापित हैं। इस नवाबकालीन मंदिर में दक्षिणमुखी हनुमान, गणोश और श्रीराम-सीता की मूर्तियां भी स्थापित हैं। सभी भगवान की हर रोज विधि-विधान से पूजा होती है, लेकिन यमराज को सिर्फ वर्ष में एक ही दिन पूजा जाता है।

नागवंशी चौरसिया समाज द्वारा संचालित श्रीराम मंदिर में 150 साल से यमराज की पूजा की जा रही है। हर महीने के कृष्ण पक्ष की चौदस को यमराज की मूर्ति के समक्ष दीप प्रज्ज्वलित किया जाता है। सालभर इन्हें हाथ भी नहीं लगाया जाता और रूप चौदस के दिन संध्या समय राहु काल में इनकी पूजा की जाती है। इस दिन इनकी पूजा में सैकड़ों लोग पहुंचते हैं। कई लोग दो साल का व्रत (संकल्प) लेते हैं। व्रत संकल्प के दौरान कृष्ण पक्ष की चौदस को शाम के समय राहु काल में यमराज को दीप लगाने के बाद भोजन ग्रहण किया जाता है। यह चक्र दो साल तक चलता है और रूप चौदस को व्रत संकल्प का उद्यापन किया जाता है।

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