
भोपाल। मध्यप्रदेश में शिवराज सरकार के खिलाफ कांग्रेस किस कदर लामबंद होती जा रही है और हाईकमान मध्यप्रदेश के मिशन 2013 को लेकर कितने गंभीर है इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि मध्यप्रदेश कांग्रेस समन्वय समिति की बैठक 10 नवम्बर को दिल्ली में होगी जिसमें सोनिया गांधी स्वयं उपस्थित रहेंगी। प्रदेश कांग्रेस की अगली रणनीति को देखते हुए यह बैठक अहम मानी जा रही है।
कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव और प्रदेश प्रभारी बीके हरिप्रसाद की अध्यक्षता वाली प्रदेश कांग्रेस की समन्वय समिति की बैठक की तारीख लंबे समय से तय नहीं हो रही थी। बैठक नहीं होेने के कारण प्रदेश कांग्रेस के नेताओं के बीच समन्वय नहीं बन पा रहा था। अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले बड़े नेताओं को प्रदेश में सक्रिय करने और मनमुटाव दूर करने के लिए मप्र प्रभारी महासचिव बीके हरिप्रसाद और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कांतिलाल भूरिया पिछले पांच महीने से समन्वय समिति की बैठक बुलाने की कोशिश कर रहे है। सूत्रों ने बताया कि दस नवंबर की बैठक आननफानन में तय की गई है। कांगे्रस की सूरजकुंड बैठक के दूसरे दिन दिल्ली में होने वाली समन्वय समिति की बैठक पाटी के सभी बडे नेता मौजूद रहेंगे। पिछली दो बैठकों में पार्टी के बड़े नेता नहीं आए थे। लेकिन इस बार सोनिया गांधी बैठक ले रही है इसलिए सभी नेता इसमें मौजूद रहेंगे।
इन मुद्दों पर होनी है बातचीत
सोनिया गांधी की मौजूदगी में बडे नेताओं के बीच समन्वय होगा। समन्वय समिति की बैठक में सबसे अहम मुद्दा हरिप्रसाद द्वारा तैयार कार्यक्रम पर नेताओं की सहमति और भागीदारी तय होना है। नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह की यात्रा का अगला चरण भी इस बैठक के बाद तय होगा। सिंधिया और कमलनाथ समथर्कों को पीसीसी में स्थान देने होने वाला विस्तार भी इसी इंतजार में अटका है। इसके अलावा अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव के बारे में नए दिशा-निर्देश मिलेंगे। इसमें साल भर का रोडमैप भी तय होगा।
यह है समिति में
कांतिलाल भूरिया, अजय सिंह, इंद्रजीत पटेल, महेंद्र सिंह कालूखेड़ा, इंद्रजीत पटेल, असलम शेर खान, एनपी प्रजापति, श्रीनिवास तिवारी, गंगाबाई उरेती, कमलनाथ, ज्योतिरादित्य सिंधिया, दिग्विजय सिंह, सुरेश पचौरी और अरुण यादव।