डिप्टी कमिश्नर सेवकराम के यहां मिलीं करोड़ों की बेनामी BANK FD, जांच जारी | BHOPAL NEWS

भोपाल। आदिवासी विकास विभाग के डिप्टी कमिश्नर सेवकराम भारती के खिलाफ आयकर विभाग की जांच में 1.50 करोड़ रुपए की 85 बेनामी बैंक एफडी मिली हैं। ये सभी सेवकराम की पत्नि और संतानों के नाम थीं परंतु जब आयकर विभाग ने उनकी आय का स्त्रोत पूछा तो वो कुछ नहीं बता पाए। डिप्टी कमिश्नर सेवकराम ने बड़ी ही चतुराई से सारा खेल जमाया था परंतु आयकर विभाग ने छोटी छोटी गलतियों को पकड़ा और खुलासा होता जा रहा है। बेनामी लेनदेन निषेध कानून के अस्तित्व में आने के बाद मध्यप्रदेश के किसी उच्च पदस्थ अधिकारी के खिलाफ यह पहली कार्रवाई बताई जा रही है। 

पत्रकार गुरुदत्त तिवारी की रिपोर्ट के अनुसार आयकर विभाग की जांच शुरू होने के बाद भारती के सभी बैंक खाते अटेच कर दिए गए थे। लेकिन भारती ने जांच की गंभीरता की बात छुपाते हुए मानवीय आधार पर जबलपुर हाईकोर्ट से खातों पर लगी रोक हटवा ली थी लेकिन आयकर विभाग ने इसके खिलाफ अपील की थी। इस पूरे मामले की गंभीरता पता लगने के बाद कोर्ट ने आयकर विभाग द्वारा बैंक खातों को फ्रीज किए जाने की बात को जायज ठहरा दिया। अब विभाग इनके अटेचमेंट की कार्रवाई कर रहा है। इस पूरे मामले की जानकारी लोकायुक्त विभाग के पुलिस अधीक्षक को मेल के जरिए भेजी जा चुकी है। लोकायुक्त ने 2016 में भारती के ठिकानों में छापे मारे थे। उसकी जांच अभी जारी है। 

छिंदवाड़ा का पटवारी भी शिकंजे में 
भारती ने यह काली कमाई छुपाने के लिए छिंडवाड़ा जिले में पदस्थ पटवारी पंकज काकोड़े से कृषि आय प्रमाण पत्र बनवाए। इसमें बताया गया कि भारती की सास नर्मदी बाई की कृषि आय के जरिए यह धन आया। चूंकि सास भारती के साथ ही रहती है। इसलिए उन्होंने ने भारती की पत्नी व उनके दो बेटों के नाम यह एफडी करवाईं।

कमिश्नर की सास भी जांच की जद में
भारती यह कृषि आय प्रमाण पत्र लोकायुक्त पुलिस को सौंपे थे। आयकर विभाग की बेनामी विंग ने पटवारी से पूछताछ की तो सारे आय प्रमाण पत्र झूठे साबित हुए। आयकर विभाग ने नर्मदी बाई के जो खसरे निकाले उससे साबित हुआ कि उस जमीन से केवल 10 लाख रुपए की कृषि उपज हुई। लागत के बाद शुद्ध आय लगभग शून्य थी। आयकर विभाग ने पटवारी के मामले से भी लाेकायुक्त पुलिस को अवगत करा दिया है। 

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