खरगोन। यहां एक शातिर शिक्षक ने 17 साल पहले मर चुकी महिला का VOTER CARD लिया और उसमें फोटो बदलकर अपनी पत्नी का PHOTO लगा दिया। BANK के सामने अपनी WIFE को पेश किया और LOAN निकाल लिया। फिर उसके साथी ने भी ऐसा ही किया। मामले का खुलासा तो तब हुआ जब बैंक ने लोन की रिकवरी प्रक्रिया शुरू की। इस दौरान गारंटर एवं पहचानकर्ता से जब पुलिस ने अपने तरीके से पूछताछ की तब मामले का खुलासा हुआ।
एएसपी अंतरसिंह कनेश ने बताया कि सेगांव तहसील के ग्राम बांड्यापुरा निवासी शिक्षक बोंदरसिंह पिता कालू ने यह जालसाजी की। उसने 17 वर्ष पहले मर चुकी दशनावल निवासी राधाबाई पति आनंदीलाल का वोटर कार्ड लिया और उसका फोटो बदलकर अपनी पत्नी का फोटो लगा दिया। फिर अपनी पत्नी बसंती बाई को राधाबाई बनाकर 18 जनवरी 2014 को सिंडीकेट बैंक में पेश कर 10 लाख रुपए का ऋण निकाला।
इसी तरह 26 दिसंबर 2014 को बोदरसिंह ने यूकों बैंक से 10 लाख रुपए का ऋण लेने के लिए प्रेमनगर निवासी संतोषी पति गोविंद को राधाबाई बनाकर पेश किया। दोनों प्रकरणों में बैंक में पहचानकर्ता के रूप में स्थानीय सौमित्र नगर निवासी प्रकाश पिता कैलाश पाटीदार और जमानतदार के रूप में यशवंतगढ़ निवासी जंगलीबाई पति पिडीया को बैंकों में पेश किया था।
ऐसे हुआ खुलासा
थाना प्रभारी एमपी वर्मा के अनुसार वर्ष 2000 में राधाबाई महाजन की मृत्यु हो चुकी है। उसका पति आनंदीलाल पूर्व में ही मर चुका है। राधाबाई की दशनावल स्थित खेती की देखरेख गोरेलाल नामक व्यक्ति करता था। गोरेलाल ने शिक्षक बोंदरसिंह को राधाबाई के दस्तावेज संभालने के लिए दिए थे। बोंदरसिंह ने दस्तावेजों में छेड़छाड़ कर फर्जी तरीके से बैंक से ऋण निकाल लिया। तीन वर्ष बाद भी ऋण राशि नहीं लौटाने पर यूको बैंक ने 28 दिसंबर 2017 और सिंडीकेट बैंक ने 10 जनवरी को धोखाधड़ी का प्रकरण दर्ज कराया।
इस पर 15 जनवरी को पुलिस ने आरोपी बोंदरसिंह पिता कालू, बसंती बाई पति बोंदरसिंह को गिरफ्तार कर पूछताछ की। दोनों ने बताया कि आनंदीलाल और राधाबाई बनकर सिंडीकेट बैंक से 10 लाख और यूको बैंक में संतोषी बाई के माध्यम से ऋण निकाला गया। मामलें मदद करने वाले सभी आरोपियों की दोनों से पूछताछ का बाद गिरफ्तार कर लिया गया।
एएसपी ने बताया कि क्षेत्र की बैंकों और सोसायटियों में कृषि ऋण के नाम पर फर्जीवाड़ा चल रहा है। बैंक अधिकारियों की मिलीभगत और एजेंटों के माध्यम से किसानों के नाम पर फर्जी दस्तावेज तैयार कर ऋण निकाला जा रहा है। अन्य मामलों का भी पता लगने की उम्मीद है। उन्होंने बताया कि गिरोह को पकड़ने वाली पुलिस टीम को एसपी द्वारा 10 हजार रुपए पुरस्कार दिया जाएगा।