अटेर SDOP इंद्रवीर भदौरिया को हटाया | mp news

भोपाल। गृहविभाग मंत्रालय भोपाल ने अटेर विधायक हेमंत कटारे के खिलाफ फर्जी मुकदमा दर्ज करने के आरोपी अटेर एसडीओपी इंद्रवीर भदौरिया को हटा दिया है। उनका ट्रांसफर भोपाल मुख्यालय में किया गया है। बता दें कि इस मामले में अटेर एसडीओपी इंद्रवीर भदौरिया के खिलाफ विभागीय कार्रवाई की मांग की गई थी। मामला चालान पेश होने के बाद सुर्खियों में आया। चौंकाने वाली बात यह है कि एसपी की परमिशन के बिना यह चालान पेश कर दिया गया। विधायक को नोटिस तक नहीं दिया गया और चालान में फरार घोषित कर दिया गया। कोर्ट ने चालान लौटा दिया था। एसपी भिंड ने इस मामले की जांच का आदेश दिया है। 

यह है पूरा मामला
खेरी गांव निवासी कल्याण सिंह जाटव के साथ करीब तीन माह पहले गांव के कुछ लोगों ने मारपीट की। अटेर पुलिस ने आरोपी सामान्य जाति के होने से एससी-एसटी एक्ट में कायमी की। इस एक्ट के लगने से मामले की जांच अटेर एसडीओपी इंद्रवीर भदौरिया को दी गई। अटेर एसडीओपी ने जांच में अटेर के कांग्रेस विधायक हेमंत कटारे को सह आरोपी बना दिया। इतना ही नहीं पुलिस ने अटेर विधायक को फरार बताते हुए बुधवार को जिला न्यायालय के विशेष न्यायालय में चालान भी पेश करवा दिया।

पुलिस की डायरी में कमियां देखकर जज ने चालान वापस कर दिया। बताया जाता है कि चालान पेश हुआ तब अटेर एसडीओपी कोर्ट परिसर में मौजूद थे, लेकिन अभी यह बात पूरी तरह से पुष्ट नहीं हो पाई है। वहीं जिस तरह से इस मामले को लेकर पुलिस के आला अफसर बचते नजर आ रहे हैं, उससे कांग्रेस के कई लोग यह कह रहे हैं कि पुलिस ने फर्जी तरीके से विधायक को आरोपी बनाया है। विधायक को पुलिस या एसडीओपी की ओर से कभी कोई नोटिस या सूचना नहीं दी गई और उन्हें फरार बताते हुए चालान पेश किया जा रहा था।

ये है टंटे की जड़
यहां बता दें कि एसडीओपी अटेर इंद्रवीर भदौरिया को अटेर उप चुनाव के दौरान हेमंत कटारे की शिकायत के बाद दूसरे पुलिस अधिकारियों के साथ हटाया गया था, लेकिन चुनाव के बाद उन्हें दोबारा अटेर में एसडीओपी पदस्थ किया गया था। हाल ही में सामने आए रेत के मामले के वीडियो को लेकर था, जिस पर विधायक कटारे ने अटेर एसडीओपी को हटाने की मांग की थी। आरोप है कि एसडीओपी ने विधायक से बदला लेने के लिए उनका नाम जोड़ दिया और गुपचुप चालान भी पेश करवा दिया। 

मेरी परमिशन नहीं ली गई: एसपी 
कोर्ट में चालान तो पेश हुआ था, लेकिन उसमें मेरी परमिशन नहीं ली गई। अटेर थाना प्रभारी की ओर से भी चालान पेश नहीं किया गया। अटेर एसडीओपी इस मामले की जांच कर रहे थे, लेकिन अभी वे छुट्टी पर हैं। विधायक को किन तथ्यों से आरोपी बनाया है और चालान कैसे पेश किया गया, इसकी पड़ताल करवा रहे हैं। 
प्रशांत खरे, एसपी, भिंड

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