बिल्डर्स के मौजूदा प्रॉजेक्ट्स पर भी लागू होगा RERA: हाईकोर्ट | BUSINESS NEWS

स्वाति देशपांडे, मुंबई। देशभर के होमबायर्स (HOME BUYERS) को बड़ी राहत और बिल्डर्स (BUILDERS) को नया तनाव देने वाली खबर आ रही है। बॉम्बे हाई कोर्ट ने रियल एस्टेट रेग्युलेशन ऐंड डिवेलपमेंट ऐक्ट (रेरा) के फिलहाल चल रहे प्रॉजेक्ट्स पर भी लागू करने के आदेश दिए हैं। बता दें कि यूपी, तेलंगाना, महाराष्ट्र, हरियाणा, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश और मध्य प्रदेश की सरकारों ने इस मामले में बिल्डर्स (REAL STATE) को राहत दे दी थी। हाई कोर्ट ने रेरा की संवैधानिक वैधता को भी बरकरार रखा है। इस कानून को हाल ही में संसद से मंजूरी मिली थी। यह कानून घर खरीदने वालों के अधिकारों की रक्षा करता है और उनकी समस्याओं के निदान की राह सुझाता है। 

हाई कोर्ट ने बिल्डर्स को रेरा के तहत प्रॉजेक्ट्स की समयसीमा को लेकर भी राहत दी है। अब कुछ मामलों में बिल्डर्स को प्रॉजेक्ट पूरा करने के लिए अधिक समय मिलेगा। हालांकि यह अतिरिक्त समय हर मामले में अलग-अलग तय किया जाएगा। जस्टिस नरेश पाटिल और आर.जी. केतकर की खंडपीठ ने अलग-अलग, लेकिन एक से ही फैसले दिए। रजिस्ट्रेशन के दौरान प्रॉजेक्ट के प्रमोटर की ओर से दी गई डेडलाइन में एक साल की छूट मिल सकेगी। 

बिल्डर्स ने उठाई थी आपत्ति
रेरा को लेकर बिल्डर्स की ओर से हाई कोर्ट में दर्ज की गई याचिकाओं के तहत यह पहला फैसला है। सितंबर में ही सुप्रीम कोर्ट ने बॉम्बे हाई कोर्ट को इस मामले में सुनवाई करने की बात कही थी। शीर्ष अदालत ने रेरा पर बिल्डर्स की आपत्तियों पर सुनवाई का जिम्मा हाई कोर्ट को दिया था, जबकि अन्य हाई कोर्ट्स में सुनवाई पर रोक लगा दी थी। बिल्डर्स ने खासतौर पर रेरा के सेक्शन 3 को लेकर आपत्ति जताई थी, जिसके तहत फिलहाल चल रहे प्रॉजेक्ट्स के रजिस्ट्रेशन को भी अनिवार्य किया गया है, जिनका कंप्लीशन सर्टिफिकेट 1 मई, 2018 या उसके बाद मिलना है। 

क्या चाहते थे बिल्डर्स
इस पर आपत्ति जताते हुए बिल्डर्स का कहना था कि इसके चलते उन्हें बीते समय में हुई देरी का भी नुकसान उठाना पड़ेगा। इसके अलावा बिल्डर्स ने कुछ प्रावधानों को भी खत्म करने की मांग की थी। जैसे, बायर्स से मिली रकम के 70 फीसदी हिस्से को एक अलग अकाउंट में जमा करना और प्रॉजेक्ट की डेडलाइन को एक साल से अधिक न बढ़ाना। यही नहीं पूर्व में तय की गई तारीख पर प्रॉजेक्ट की डिलिवरी न कर पाने पर बायर्स को जुर्माना देने के नियम पर भी बिल्डर्स को आपत्ति है। 

7 राज्यों ने दे दी थी बिल्डर्स को राहत
हाई कोर्ट की ओर से बुधवार को दिए गए फैसले के बाद यूपी, तेलंगाना, महाराष्ट्र, हरियाणा, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश और मध्य प्रदेश के होम बायर्स राज्य सरकार के उन नियमों को चुनौती दे सकेंगे, जिनके तहत बिल्डर्स को प्रॉजेक्ट्स में देरी पर राहत दी गई है। राज्य सरकारों ने देरी से चल रहे तमाम प्रॉजेक्ट्स को रेरा से बाहर करते हुए यह राहत दी थी, लेकिन अब ऐसा नहीं हो सकेगा। 

#buttons=(Accept !) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Check Now
Accept !