इस मामले में कई ​देशों के खिलाफ एकजुट हुए INDIA-CHINA

Bhopal Samachar
नई दिल्ली। डोकलाम विवाद के चलते भारत और चीन एक दूसरे के दुश्मन नंबर 1 बन गए थे परंतु एक मुद्दा ऐसा भी है जिसमें भारत और चीन एक साथ मिलकर सारे बड़े देशों से लड़ रहे हैं। मामला किसानों का है। दरअसल, अमीर देशों में किसानों को भरपूर सब्सिडी दी जा रही है परंतु वो चाहते हैं कि भारत और चीन जैसे विकासशील देश अपने किसानों को सब्सिडी ना दें। बस इसी बात पर दोनों देश मिलकर अमीर देशों के खिलाफ खड़े हो गए हैं। दोनों देशों ने विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) इस तरह की सब्सिडी को खत्म करने की मांग करने का प्रस्ताव रखा है। विकासशील देशों में किसानों को दी जा रही सब्सिडी को खत्म करने की अमीर देशों की नीति के खिलाफ मोर्चा लेते हुए भारत और चीन ने इसे भेदभाव वाली नीति बताया है। वाणिज्य मंत्रालय ने गुरुवार को यह जानकारी दी।

मंत्रालय की ओर से जारी बयान के मुताबिक भारत और चीन ने संयुक्त रूप से पिछले महीने डब्ल्यूटीओ में एक प्रस्ताव रखा है। इसमें विकसित देशों में किसानों को मिल रही सब्सिडी को खत्म करने की मांग की गई है। 18 जुलाई को दिए गए इस प्रस्ताव में कहा है कि विश्व व्यापार संगठन के कुछ सदस्य विकासशील देशों में गरीब किसानों को मिल रही सब्सिडी पर सवाल खड़े करते रहे हैं। जबकि वे अपने यहां किसानों को ‘एग्रीगेट मेजरमेंट ऑफ सपोर्ट’ (एएमसी) के नाम पर भारी मात्र में कृषि सब्सिडी दे रहे हैं।

भारत और चीन ने विश्व व्यापार में असंतुलन पैदा करने वाली विकसित देशों के कृषि सब्सिडी के प्रारूप को समाप्त करने की मांग की है। दोनों देशों की तरफ से दिया गया यह संयुक्त प्रस्ताव इसलिए भी महत्वपूर्ण है, क्योंकि दिसंबर में ब्यूनस आयर्स में होने वाली डब्ल्यूटीओ की मंत्री स्तरीय बैठक होने वाली है। इस बैठक में दोनों देश अन्य विकासशील मुल्कों के समर्थन से इस मुद्दे को जोरदार तरीके से उठाने की तैयारी कर रहे हैं। विश्व व्यापार संगठन में फैसला लेने वाली यह सबसे बड़ी संस्था है। इस समिति की हर दो साल बाद बैठक होती है।

साझा प्रस्ताव में कहा गया है कि अमेरिका, यूरोपीय संघ और कनाडा जैसे विकसित देशों में किसानों को निरंतर भारी भरकम सब्सिडी दी जा रही है। जबकि विकासशील देशों में किसानों को सब्सिडी के लिए डब्ल्यूटीओ ने काफी ऊंची सीमा तय कर रखी है। ये देश सालाना 160 अरब डॉलर तक की राशि अपने किसानों को सब्सिडी के तौर पर मुहैया करा रहे हैं। भारत जैसे देश में सालाना एक किसान को 260 डॉलर की ही राशि सब्सिडी के तौर पर उपलब्ध कराई जाती है। भारत और चीन जैसे अधिकांश विकासशील देशों को डब्ल्यूटीओ के तहत एएमसी की सुविधा नहीं दी गई है। कई विकसित देशों में उत्पाद की कुल लागत का 50 फीसद और कई मामलों में तो 100 प्रतिशत तक सब्सिडी के तौर पर उपलब्ध कराया जाता है। इसके उलट विकासशील देशों पर इसे 10 फीसद के दायरे में रखने की बाध्यता है
भोपाल समाचार से जुड़िए
कृपया गूगल न्यूज़ पर फॉलो करें यहां क्लिक करें
टेलीग्राम चैनल सब्सक्राइब करने के लिए यहां क्लिक करें
व्हाट्सएप ग्रुप ज्वाइन करने के लिए  यहां क्लिक करें
X-ट्विटर पर फॉलो करने के लिए यहां क्लिक करें
Facebook पर फॉलो करने के लिए यहां क्लिक करें
समाचार भेजें editorbhopalsamachar@gmail.com
जिलों में ब्यूरो/संवाददाता के लिए व्हाट्सएप करें 91652 24289

#buttons=(Ok, Go it!) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Check Now
Ok, Go it!