MP: सातवें वेतनमान में देय महँगाई भत्ते के आदेश जारी

मुकेश मोदी/भोपाल। राज्य शासन ने शासकीय सेवकों को स्वीकृत सातवें वेतनमान में देय महँगाई भत्ते संबंधी आदेश जारी किये हैं। महँगाई भत्ते की गणना सातवें वेतनमान में निर्धारित मूल वेतनमान पर की जायेगी। सातवें वेतनमान में राज्य शासन के शासकीय सेवकों को महँगाई भत्ता जनवरी-2016 से जून-2016 तक शून्य प्रतिशत, जुलाई-2016 से दिसम्बर-2016 तक 2 प्रतिशत और जनवरी-2017 से महँगाई भत्ता 4 प्रतिशत की दर पर देय होगा।

राज्य शासन ने शासकीय सेवकों को एक जनवरी-2016 से सातवाँ वेतनमान दिये जाने संबंधी निर्देश 20 एवं 22 जुलाई को जारी किये हैं। आदेश में स्पष्ट किया गया है कि महँगाई भत्ते का कोई भी भाग किसी भी प्रयोजन के लिये वेतन के रूप में नहीं माना जायेगा। वित्त विभाग द्वारा जारी आदेश समस्त विभागाध्यक्ष, संभागीय आयुक्त और जिला कलेक्टर्स को भी भेजे गये हैं।

विश्व ओआरएस दिवस पर मप्र में होने वाले कार्यक्रमों की जानकारी
सुनीता दुबे/भोपाल। विश्व ओआरएस दिवस-29 जुलाई को प्रत्येक जिले में विकासखण्ड-स्तर पर जागरूकता रैली के माध्यम से जन-सामान्य को दस्त रोग से बचाव एवं रोकथाम की जानकारी दी जायेगी। दस्त के दौरान आहार की निरंतरता, तरल पदार्थों का अधिक उपयोग, ओआरएस प्रयोग से निर्जलीकरण एवं दस्त के दुष्परिणामों से बचाव, जिंक की गोली से रोग प्रतिरोधक क्षमता में वृद्धि आदि के बारे में लोगों को जागरूक किया जायेगा। हर गाँव में आरोग्य केन्द्र तथा आशा किट और प्रत्येक शासकीय स्वास्थ्य केन्द्र में ओआरएस पैकेट एवं जिंक की गोलियाँ नि:शुल्क उपलब्ध हैं।

ओआरएस एवं जिंक गोली से रोके जा सकते हैं दस्त के दुष्परिणाम
पाँच वर्ष तक के आयु वर्ग में लगभग 10 प्रतिशत बाल मृत्यु दस्त रोग, निर्जलीकरण और इसके दुष्परिणामों से होती है। इसे ओआरएस घोल एवं जिंक की गोली से रोका जा सकता है। स्वास्थ्य विभाग द्वारा प्रत्येक 5 वर्ष तक की आयु के बच्चों के घरों में ओआरएस की उपलब्धता भी सुनिश्चित की जाती है। दस्तक अभियान के दौरान ओआरएस बनाने की विधि तथा आयु-वजन के अनुसार मात्रा के बारे में जागरूकता का प्रचार-प्रसार भी किया जाता है। प्रदेश की प्राथमिक एवं माध्यमिक शालाओं में दस्त रोग से बचाव एवं प्रारंभिक उपचार के लिये ओआरएस एवं जिंक की गोली के उपयोग में शालेय छात्र-छात्राओं को समय-समय पर जानकारी दी जाती है।

सावधानी बरतें, रोग से बचें
साबुन एवं पानी से हाथ धोना, स्वच्छ वातावरण, सुरक्षित पेयजल, शौचालय का उपयोग, शौच का सुरक्षित निस्तारण, भोजन एवं पानी को ढँककर उपयोग में लाना, बासी भोजन का प्रयोग न करने से दस्त से बचा जा सकता है। साथ ही समय पर पूर्ण टीकाकरण बच्चों को बीमारी से बचाता है।

#buttons=(Accept !) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Check Now
Accept !