मंदसौर गोलीकांड: जेल में बंद किसान को आंदोलन का आरोपी बता दिया

भोपाल। मंदसौर गोलीकांड में शिवराज सिंह सरकार ने 32 आरोपियों की सूची जारी की है। इस लिस्ट में एक नाम ऐसा भी है जो किसान आंदोलन के समय जेल में बंद था परंतु सरकारी रिपोर्ट के अनुसार वो किसान आंदोलन में शामिल था और उसने पुलिस पर हमला किया। जिसके जवाब में पुलिस ने आत्मरक्षार्थ फायरिंग की। सरकार अभी तक यह स्पष्ट नहीं कर पाई है कि ऐसे क्या हालात थे जो कमर के ऊपर फायरिंग की गई। 

मप्र कांग्रेस कमेटी ने अधिकृत प्रेस बयान जारी करके 32 आरोपित किसानों की जारी सूची को फर्जी करार देते हुए राज्य सरकार और पुलिस प्रशासन को कटघरे में खड़ा किया है। प्रेस बयान में कहा गया है कि कांग्रेस को आश्चर्य तो इस बात का है कि गोली कांड की घटना को लेकर डेढ़ माह का समय बीत चुका है, किन्तु पुलिस ने आज तक इस घटना को लेकर कोई भी एफआईआर दर्ज क्यों नहीं की। जब एफआईआर ही नहीं हुई है तो सरकार द्वारा गठित जांच आयोग अपनी रिपोर्ट कैसे व किसे देगा। 

आंदोलन के दौरान स्थानीय पुलिस द्वारा जारी 32 कथित आरोपियों की सूची को फर्जी करार देते हुए कांग्रेस ने कहा कि इसमें दो नाम ऐसे भी हैं, जिनका घटना से कोई सरोकार ही नहीं है, पुष्कर नामक व्यक्ति 8 मार्च, 2017 से जेल में है, वहीं बद्रीलाल नामक व्यक्ति वर्ष 2011 से दिव्यांग होकर अपने घर बिस्तर पर है। ऐसी सूरत में पुलिस को स्पष्ट करना चाहिए कि पुष्कर क्या जेल से बाहर आकर आंदोलन में शामिल हुआ और जो बद्रीलाल सिर्फ बिस्तर पर होने के कारण चल-फिर भी नहीं सकता है, वह आंदोलन में कैसे आया? 

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