बिजली कंपनी के आॅफिस से उपभोक्ताओं को थमा दी गईं फर्जी रसीदें: घोटाला

INDORE: बिजली कंपनी के कर्मचारी ही योजनाबद्ध तरीके से बिल के पैसों का गबन कर रहे थे। बिल जमा करने वाले उपभोक्ता को रसीद दे दी जाती लेकिन रिकॉर्ड में पैसा जमा ही नहीं किया जाता। गबन करने के लिए जोन के इंजीनियर का लॉगइन आईडी भी चुरा लिया जाता था। अधीक्षण यंत्री द्वारा की गई जांच में दो कर्मचारी पकड़े गए हैं। कंपनी इनके खिलाफ एफआईआर कराएगी।

उत्तर शहर संभाग के कार्यपालन यंत्री भूपेंद्र सिंह के मुताबिक कई महीनों से कुछ उपभोक्ताओं की शिकायत मिल रही थी कि उनके द्वारा पैसे जमा करने के बावजूद बिल में बीते माह की बकाया राशि जुड़कर आ रही है। उपभोक्ताओं ने सबूत के तौर पर रसीद भी थी। पहले इसे सिस्टम की गड़बड़ माना गया। लगातार कई महीनों तक ऐसी शिकायत मिलने के बाद कंपनी को शक हुआ और जांच शुरू की गई। प्रारंभिक जांच में विजय नगर जोन के दो कर्मचारी पकड़े गए। एक कर्मचारी अखिलेश गोखले बिल कलेक्शन खिड़की पर था। दूसरा कंपनी कुशाल कैथवास जोन पर कम्प्यूटर ऑपरेटर है। कर्मचारी को आउटसोर्स कंपनी की ओर से तैनात किया गया था। दोनों ने पूछताछ में गड़बड़ी करने की बात स्वीकार कर ली है। आशंका है कि इन्होंने अपनी पूरी चेन बना रखी है। पुलिस जांच में और भी लोग पकड़े जा सकते हैं।

इंजीनियर सिंह के मुताबिक कर्मचारी उपभोक्ता से पैसा लेते और बिल पर सील लगाकर पूरी जमा राशि लिख देते। हालांकि नीचे की काउंटर स्लिप पर वे एंट्री नहीं करते। खिड़की का कर्मचारी जोन के ऑपरेटर की मदद से सिस्टम में उपभोक्ता के बिल में हेरफेर कर देता। उसमें किस्त में राशि चुकाना दिखा दिया जाता और बहुत कम राशि जमा में दिखाई जाती। ऑपरेटर ऑनलाइन सिस्टम में ये कारस्तानी को करने के लिए जोन के एई का लॉगइन आईडी चुरा लेता था।

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