भोपाल। पेडन्यूज मामले में अयोग्य करार दिए गए मप्र के मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने चुनाव आयोग पर हमला किया है। उन्होंने दावा किया है कि चुनाव शून्य करने का अधिकार आयोग को नहीं, बल्कि राज्यपाल को है। उन्होंने कहा कि मेरा चुनाव शून्य नहीं हुआ है। दतिया में एक कार्यक्रम में नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि अभी फैसला सरकार के पास आएगा, फिर राज्यपाल के पास जाएगा। राज्यपाल भी इस मामले में समय लेंगे। इधर कांग्रेस ने ऐलान किया है कि यदि विधानसभा के मानसून सत्र से पहले नरोत्तम मिश्रा को हटाया नहीं गया तो सरकार को सदन में काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ेगा।
नरोत्तम ने यहां चुनाव आयोग की ही आलोचना कर डाली। उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग ने जिस तरह का फैसला दिया है, उससे हिंदुस्तान की राजनीति में विसंगति आएगी। कोई भी किसी के भी नाम से फर्जी अपील छपवाएगा, अखबार में विज्ञापन देगा और फिर आयोग में शिकायत करेगा। वे यहीं नहीं रुके, उन्होंने यहां तक कह डाला कि आयोग विकास के काम को रोक रहा है। मिश्रा ने कहा कि आयोग विकास के काम को तो रोक सकता है, लेकिन हमारे सेवाभाव को नहीं। भले ही विधायक न रहूं, लेकिन दतिया की सेवा करता रहूंगा।
आयोग को अधिकार है या नहीं
नरोत्तम मिश्रा के दावे पर संविधान विशेषज्ञ सुभाष कश्यप ने कहा कि मंत्री का दावा गलत है। पीपुल रिप्रेजेंटेटिव एक्ट की धारा 10(ए) में चुनाव आयोग को अर्द्ध न्यायिक अधिकार दिए गए हैं। इसका मतलब है कि पेड न्यूज के मामले में अयोग्य घोषित करने का अधिकार चुनाव आयोग को ही है। अन्य मामलों में मामला राज्यपाल के पास जाता है।