भोपाल में लो-फ्लोर बसों में नकाब/स्कार्फ पर बैन ! | BCLL BUS

भोपाल। राजधानी की लो-फ्लोर बसों में नकाब बैन कर दिया गया है। हालांकि इसके कोई आधिकारिक आदेश जारी नहीं हुए परंतु भोपाल सिटी लिंक लिमिटेड (बीसीएलएल) के डायरेक्टर केवल मिश्रा खुद बसों में जा-जाकर महिलाओं से अपील कर रहे हैं कि वो नकाब या मुंह पर बंधा स्कॉर्फ हटाकर सफर करें। वो शनिवार को कई बसों में चढ़े और महिलाओं के नकाब या स्कॉर्फ उतरवाए। 

मिश्रा का कहना है कि यह महिलाओं की सुरक्षा के लिए अच्छा होगा। उनके बीच चेहरा छुपाकर असामाजिक तत्व भी हो सकते हैं और अपराधिक गतिविधियों को अंजाम दे सकते हैं। हमारी बसों में सुरक्षा के लिए सीसीटीवी कैमरे लगे हैं, लेकिन चेहरा ढंका होने से पहचान करना मुश्किल हो जाता है। ज्यादातर महिलाओं ने बात को समझते हुए अपने स्कार्फ को चेहरे से हटा लिए। मिश्रा ने यात्रियों की टिकट की भी जांच की। 

एक महिला से पुलिस बुला ली
चार दिन पहले महापौर स्मार्ट पास की जांच के लिए कंडक्टर ने महिलाओं से स्कार्फ उतारने की बात कही तो एक महिला ने पुलिस बुला ली। इसके बाद बीसीएलएल के अधिकारियों ने पुलिस को बताया कि महापौर स्मार्ट पास की जांच के लिए आईडी पू्रफ देखना जरूरी है, ताकि पास का दुरुपयोग न हो। पास में पीछे शर्तें लिखी भी गई हैं कि बस में पास दिखाने पर आईडी पू्रफ दिखाना अनिवार्य होगा। चेहरा ढंका होने से यह पता नहीं चल पाता कि पास का उपयोग पात्र व्यक्ति कर रहा है या अन्य। इस समस्या के बाद बीसीएलएल के डायरेक्टर ने जांच शुरू की।

सीसीटीवी कैमरे बंद मिले 
इधर, निगम कमिश्नर छवि भारद्वाज और मिश्रा के लगातार निर्देश के बाद भी बसों में सीसीटीवी की हालत में सुधार नहीं किया गया। शनिवार को निरीक्षण के दौरान एक बस में कैमरा तो चालू मिला लेकिन इसकी लाइट बंद मिली। वहीं एसआर 2 की एमपी 04 पीए 1474 में कैमरा ही नहीं था। पूछे जाने पर बताया गया कि सप्ताह भर से कैमरा रिपेयरिंग के लिए निकाला गया है। इस पर डायरेक्टर ने तत्काल ऑपरेटर को कार्यालय आकर जवाब मांगा साथ पैनाल्टी लगाने के निर्देश दिए। मिश्रा ने कहा बिना सीसीटीवी कैमरों के कोई भी बस सड़क पर न उतारी जाए।

2 माह पहले हो चुकी है हत्या
ज्ञात हो दो महीने पहले रॉयल मार्केट के पास लो फ्लोर बस में कुछ बदमाशों ने एक व्यक्ति की चाकू से गोदकर हत्या कर दी थी। बस के सीसीटीवी कैमरे खराब थे। हालांकि पुलिस ने बाद में बदमाशों को गिरफ्तार कर लिया था। इस घटना के बाद सभी बसों में कैमरा अनिवार्य रूप से चालू कराने के निर्देश दिए गए थे।

ये कमियां अब भी नहीं सुधरी
बसों के पीछे पुलिस, बीसीएलएल का नंबर नहीं लिखा गया।
सीसीटीवी कैमरे सभी बसों में चालू नहीं हो पाए।
बिना स्टॉपेज कहीं भी बस रोकने की प्रवृत्ति पर अंकुश नहीं लगा।
मेंटेनेंस के बावजूद बसों के डोर ऑटोमेटिक बंद नहीं हो पाते।

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