हर बार बदल जाता है इनका नाम: 10 दिन में 3 बार बदल गया: ADITYA NATH YOGI

लखनऊ। क्या कोई ऐसा है जो हर हलफनामे में अपने नाम में थोड़ा का परिवर्तन कर देता हो। उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री के मामले में ऐसा ही हो रहा है। उन्होंने जब जब चुनाव लड़ा उनके नाम में कुछ ना कुछ अंतर था। जब मुख्यमंत्री बने तो यही बात चर्चा का विषय बन गई। चर्चा इसलिए क्यों​कि सीएम हाउस के बाहर लगी नेमप्लेट को 10 दिन में 3 बार बदला गया है। डिजिटल इंडिया के जमाने में नाम की स्पेलिंग में एक अक्षर या स्पेश का अंतर भी काफी होता है। कुछ लोग अपने नाम के अक्षरों में शुभ अशुभ का रिश्ता भी खोजते हैं। सबसे बड़ा सवाल यह है कि यदि पीएससी की परीक्षा में पूछ लिया गया, उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री का नाम क्या है, तो सही जवाब क्या होगा। 

मुख्यमंत्री आदित्य नाथ 'योगी' का नाम पिछले 10 दिनों में तीन बार बदल चुका है। अपने 5 कालीदास मार्ग निवास के बाहर नाम की प्लेट में यह बदलाव पिछले 10 दिनों से नियमित रूप से दिख रहा है। पहले उनका नाम योगी आदित्यनाथ लिखा गया था, जिसे बाद में बदलकर आदित्य नाथ योगी किया गया और अब एक बार फिर उसे बदलकर योगी आदित्य नाथ कर दिया गया है। पहली बार में 'आदित्यनाथ' लगातार था और 'योगी' उसके पहले, दूसरी बार आदित्य और नाथ अलग हो गया और 'योगी' उसके पीछे। अब 'योगी' आगे हो गया और आदित्य और नाथ अलग अलग हैं। 

तीसरी बार किया गया बदलाव नवरात्र के पहले दिन किया गया है, जब उन्होंने सीएम हाउस में प्रवेश किया। 19 मार्च को मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ग्रहण करने से पहले उनकी नेम प्लेट में योगी आदित्यनाथ लिखा था, जिसमें 'योगी' अन्य शब्दों की अपेक्षा छोटे फॉन्ट में लिखा गया था। मगर, शपथ ग्रहण समारोह में उन्होंने खुद को आदित्यनाथ योगी कहा।

सूचना विभाग की ओर से भेजे जाने वाले प्रेस नोट ने भी इस मामले को सुलझाने में कोई मदद नहीं की। उनमें से कुछ ने यूपी के सीएम का नाम आदित्यनाथ योगी और अन्य में योगी आदित्यनाथ लिखा गया था। उनके सत्यापित ट्विटर हैंडल में उनका नाम myogiadityanath लिखा है। उनका फेसबुक अकाउंट Yogi Adityanath लिखा गया है।

वहीं, उनके किसी भी चुनावी हलफनामे में योगी के बारे में नहीं लिखा गया था। अपने सभी चुनावों में उन्होंने जो हलफनामे पेश किए हैं, उनमें से किसी में भी नाम के आगे योगी नहीं लगाया गया था। मगर, उनमें भी आदित्यनाथ को अलग-अलग तरीके से लिखा गया था। किसी में आदित्य नाथ लिखा गया था, तो किसी में आदित्यनाथ लिखा गया था।

तकनीकी रूप से उनका नाम दो शब्दों से मिलकर बना है। आदित्य उसका पहला नाम है। नाथ एक अलग शब्द है, जो नाथ संप्रदाय को दर्शाता है, जिससे मुख्यमंत्री जुड़े हैं। वह गोरखनाथ मठ के मुख्य पुजारी भी हैं। कोई भी अधिकारी मुख्यमंत्री के नाम-परिवर्तन पर टिप्पणी करने के लिए तैयार नहीं है। वे इसे व्यक्तिगत मुद्दा कह रहे हैं।

गौरतलब है कि इससे पहले तमिलनाडु की पूर्व मुख्यमंत्री जे जयललिता (Jayalalithaa) अपने नाम के अंत में एक a अतिरिक्त जोड़ती थीं। वहीं, पश्चिम बंगाल के मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) भी अपने नाम की स्पेलिंग में एक अतिरिक्त अक्षर जोड़ती हैं।

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