घूसवाली DAIRY बदनाम करने की साजिश, सबूत हैं तो कार्रवाई करें: DIGVIJAY SINGH

कोलकाता। कांग्रेस ने उस बहुचर्चित डायरी को ‘फर्जी’करार दिया जिसमें पार्टी के वरिष्ठ नेताओं को कथित तौर पर पैसे दिए जाने की बातें लिखी हुई है। पार्टी ने आरोप लगाया कि उसे ‘बदनाम’करने के लिए इस मामले को उछाला जा रहा है। कांग्रेस ने केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार को चुनौती दी कि यदि उसके पास कोई सबूत है तो वह कार्रवाई करे। पार्टी ने इसे ‘प्रधानमंत्री कार्यालय के इशारे पर’की जा रही ‘साजिश’करार दिया।

पार्टी महासचिव दिग्विजय सिंह ने कहा, ‘यदि यह सही है तो हम केंद्र को कार्रवाई करने की चुनौती देते हैं। 11 महीने तक आप इसे दबाए बैठे रहे, मेरी सूचना यह है कि इस मामले में जांच पूरी हो चुकी थी और मामले को बंद किया जा चुका था। प्रधानमंत्री कार्यालय के दबाव पर इसे फिर से खोला गया है। 

यहां प्रदेश कांग्रेस की समन्वय समिति की बैठक के बाद पत्रकारों से बातचीत में उन्होंने आरोप लगाया, यदि आपके (भाजपा के) पास तथ्य हैं तो कार्रवाई करिए। लेकिन तथ्य यह है कि वह डायरी फर्जी है..तथ्य यह है कि आयकर विभाग के अधिकारियों की ओर से इसे दिया गया है।’ मुख्यमंत्री एस सिद्धारमैया के एक राजनीतिक सहयोगी की ओर से डायरी में की गई कथित प्रविष्टियों के मुद्दे पर कर्नाटक में सियासी संग्राम शुरू हो गया है। प्रविष्टियों से कथित तौर पर ऐसे संकेत मिलते हैं कि राज्य के मंत्रियों ने कांग्रेस के केंद्रीय नेताओं को पैसे दिए। इस मामले में भाजपा ने विधानसभा भंग कर नए सिरे से चुनाव कराने की मांग की है।

सिद्धारमैया के संसदीय सचिव के. गोविंदराजू की डायरी की कथित प्रविष्टियों में कांग्रेस के कुछ नेताओं के नामों से मिलते-जुलते शॉर्ट फॉर्म दिखाए गए हैं और ऐसा दावा किया जा रहा है कि उन्हें करोडों रूपए का भुगतान किया गया। इस डायरी की प्रविष्टियों का खुलासा मीडिया की ओर से किया गया। आयकर विभाग ने मार्च 2016 में विधान परिषद के सदस्य गोविंदराजू के आवास पर छापेमारी की थी, जिसमें कई दस्तावेज बरामद किए गए।

गोविंदराजू ने कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं को पैसे देने के आरोपों से इनकार किया है और कहा कि डायरी से उनका कोई लेना-देना नहीं हैं और मीडिया की ओर से दिखाई जा रही लिखावट उनकी नहीं है।

डायरी की प्रविष्टियों की खबरें आने के बाद से अब तक चुप रहे सिद्धारमैया ने इसे न केवल प्रदेश भाजपा बल्कि राष्ट्रीय भाजपा और केंद्र सरकार की ‘राजनीतिक साजिश’करार दिया।
सिद्धारमैया ने कहा, ‘वे हमारी कांग्रेस पार्टी को बदनाम करना चाहते हैं और हमारी सरकार की छवि को नुकसान पहुंचाना चाहते हैं, लेकिन वे कामयाब नहीं हो सकते। यह पूछे जाने पर कि क्या डायरी की प्रविष्टियों का मामला 2018 में होने वाले राज्य विधानसभा चुनावों में पार्टी की संभावनाओं को प्रभावित करेगा, इस पर सिद्धारमैया ने कहा,‘नहीं, हम आगामी विधानसभा चुनावों में फिर से वापस आएंगे। इसमें कोई शक नहीं है, मेरे दिमाग में कोई संदेह नहीं है। मैं साफ-साफ कह रहा हूं कि हम 100 फीसदी वापसी करेंगे। जवाबी हमला करते हुए कांग्रेस नेता दिनेश गुंडू राव ने कल एक डायरी की प्रविष्टियां जारी की थी। उन्होंने कहा कि यह डायरी भाजपा के विधान पार्षद लहर सिंह सियोरा की है, जिसमें दिखाया गया कि भगवा पार्टी के प्रांतीय और केंद्रीय नेताओं के बीच पैसों के लेन-देन हुए।

इन आरोपों को खारिज करते हुए सिरोया ने कहा कि उनके पास कोई ऐसी डायरी नहीं है और कथित दस्तावेजों में उनके दस्तखत फर्जी तरीके से किए गए हैं, क्योंकि इसमें उनका नाम लहर सिंह की बजाय लेहर सिंह लिखा हुआ है।

दिग्विजय ने लहर सिंह की कथित डायरी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कथित संलिप्तता वाली सहारा-बिरला डायरी के मुद्दे पर भाजपा पर सवाल उठाते हुए कहा, भगवा संगठन को इस भ्रम में नहीं रहना चाहिए कि ऐसे फर्जी आरोपों से कांग्रेस डर जाएगी। इसे कांग्रेस को बदनाम करने की भाजपा की साजिश करार देते हुए दिग्विजय ने कहा, यह उनकी सरकार है, उनका प्रवर्तन निदेशालय है, उनका आयकर विभाग है। यदि उनके पास कोई सबूत है…रत्ती भर भी सबूत है, तो वे कार्रवाई करने के लिए स्वतंत्र हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि ‘फर्जी डायरी की प्रति आयकर विभाग की ओर से एक मीडिया चैनल को दी गई।

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