विदेशी कर्मचारियों को भी परमानेंट करना होगा: सुप्रीम कोर्ट

नईदिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने फैसला दिया है कि यदि भारत के सरकारी विभागों में विदेशी नागरिकों को नौकरी पर लिया गया है तो उन्हें भी नियमितीकरण के वो सभी लाभ देने होंगे जो भारतीय नागरिकों को दिए जाते हैं। मामला हिमाचल सरकार विरुद्ध नेपाली मूल के कर्मचारियों का था। इसके तहत सुप्रीम कोर्ट ने हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय के उन आदेशों को बरकरार रखा है, जिसमें औपचारिकताएं पूरी करने वाले कर्मचारी या मजदूरों को नियमित करने के आदेश दिए गए थे। 

सूचना के अनुसार सुप्रीम कोर्ट द्वारा हाईकोर्ट के आदेशों को बरकरार रखे जाने से राज्य सरकार के विभिन्न महकमों में कार्यरत करीब 10 हजार नेपाली मूल के कर्मचारियों को सीधा लाभ होगा। राज्य के अंतर्गत मुख्य रूप से आई.पी.एच. और पी.डब्ल्यू.डी. में बड़ी संख्या में नेपाली मूल के कर्मचारी कार्यरत हैं।

ये थे हाईकोर्ट के आदेश
राज्य सरकार की पहले से निर्धारित नीति के अनुसार उन कर्मचारियों की ही नियमित किए जाने का प्रावधान था जोकि भारतीय नागरिक हो। इन प्रावधानों के कारण ही सरकारी विभागों में कार्यरत नेपाली मूल के कर्मचारी नियमित नहीं हो पा रहे था, ऐसे में कर्मचारियों ने अपने हितों की लड़ाई लड़ी और उन्हें बड़ी राहत मिली है। हाईकोर्ट ने अपने आदेशों में कहा था कि जो कर्मचारी या मजदूर नियमित होने के लिए न्यूनतम समयावधि से लेकर अन्य सभी न्यूनतम औपचारिकताएं पूरा करते हैं, उन्हें नियमित किया जा सकता है और उन्हें महज इसलिए नियमित होने के फायदे से दूर नहीं रखा जा सकता क्योंकि वह दूसरे राष्ट्र के हैं। 

मिलेंगे सभी अन्य लाभ
सुप्रीम कोर्ट के आए आदेशों के बाद अब हिमाचल में उन सभी कर्मचारियों को नियमित कर्मचारी की तर्ज सभी लाभ मिलेंगे, जो नियमों के पेंच के चलते लंबे समय से नियमित नहीं हो पा रहे हैं। इसके तहत ऐसे कर्मचारी जो रैगुलर होने के सभी औपचारिकताएं पूरी करते हैं, उन्हें एरियर का भुगतान भी किया जाएगा। इसको लेकर जल्द ही सरकार संबंधित महकमों को निर्देश जारी करेगे।

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