इंदौर। कोर्ट में एक नाबालिग लड़की से रेप का मामला चल रहा था। जब पीड़िता के बयान दर्ज कराने की बारी आई तो पीड़िता पुलिस को दिए ज्यादती के बयान से पलट गई। आरोपी ने भी शपथ पत्र पेश कर कहा कि उसने पीड़िता से शादी कर ली और दोनों साथ रहते हैं। कोर्ट ने आरोपी की दलील नकारते हुए कहा- अपराध शादी के पहले का है इसलिए 10 साल की सजा सुनाई जाती है।
घटना 16 जुलाई 2014 की है। आरोपी 16 वर्षीय लड़की को भगाकर ले गया था। आरोपी से छूटने के बाद लड़की ने थाना खुड़ैल में दर्ज कराई रिपोर्ट में कहा था कि विक्रम और वह पास-पास रहते हैं और दोनों खुड़ैल में एक ही फैक्टरी में काम करते हैं। जब वह काम के बाद घर जाने के लिए फैक्टरी के गेट पर खड़ी थी तभी विक्रम उसे जबर्दस्ती उठाकर स्टेशन ले गया था। वहां से सांवरियाजी लेकर गया। फिर शाजापुर, तराना में रखा। इस दौरान वह उससे ज्यादती करता रहा। पुलिस ने आरोपी को दुष्कर्म व अपहरण के आरोप में गिरफ्तार किया था।
अतिरिक्त शासकीय अधिवक्ता संजय शर्मा के मुताबिक प्रकरण दर्ज होने के बाद पुलिस ने नाबालिग का मेडिकल चेकअप एमवाय अस्पताल में कराया। जहां उसने यह भी कहा कि आरोपी उसके साथ ढाई साल से ज्यादती कर रहा था। वह गर्भवती हो गई थी और आरोपी ने ही बाद गर्भपात करवा दिया था।
मंगलवार को अपर सत्र न्यायाधीश आरएस शर्मा ने यह फैसला सुनाया। आरोपी विक्रमसिंह पिता मूलचंद बेलदार (25) निवासी रेणुका टेकरी खुड़ैल को 10 साल की कैद के साथ दो हजार रुपए जुर्माना भी लगाया। साथ ही अपहरण के आरोप में उसे पांच साल कैद और एक हजार रुपए जुर्माने की सजा भी सुनाई।
बाद में कोर्ट में बयान से पलट गई
प्रकरण की ट्रायल के दौरान आरोपी की ओर से शपथ पत्र दिया गया कि उसने और पीड़िता ने शादी कर ली है और साथ में रहते हैं। इसलिए उसे दोषमुक्त किया जाए। उधर, पीड़िता ने बयान से पलटते हुए केवल इतना कहा कि आरोपी उसे जबरन ले गया था। इस पर कोर्ट ने पीड़िता को भी पक्षद्रोही घोषित कर दिया था। कोर्ट ने फैसले में पीड़िता के उस कथन को आधार माना, जिसमें उसने जबरन ले जाने की बात कही थी।