छतरपुर। मध्यप्रदेश के बुंदेलखंड में शिवरात्रि से ठीक एक दिन पूर्व जन्म बकरी के बच्चे को लोगों ने शिवजी का अवतार माना और पूजा अर्चना की। ऐसी मान्यता इसलिए मानी गई क्योंकि मेमने के 3 नेत्र थे। लोगों ने इसे शिवजी का चमत्कार माना और पूजा पाठक शुरू कर दिए। दर्शनों की लंबी कतारें लग गईं। गुरूवार को जन्मा बकरी का यह शिशु करीब 24 घंटे ही जीवित रह सका।
मप्र के छतरपुर जिला मुख्यालय से करीब 22 किलोमीटर दूर नौगांव कस्बे में गुरुवार शाम हल्लू कालोनी निवासी राधा बाई के यहां एक बकरी ने 2 बच्चों को जन्म दिया। इसमें एक मेमने की तीन आंखें थीं। शिवरात्रि के एक दिन पहले जन्मे इस बकरी के बच्चे को लोग शिव की अनूठी देन मान रहे थे। गुरुवार से ही उसे देखने और पूजने वालों की लंबी लाइन लगना शुरू हो गई थी। शुक्रवार को राधा बाई का पति कालीचरण उसे अपने गांव वीरपुर लेकर गया। वहां भी लोगों की भीड़ लग गई। इसी दौरान बाद में वो मेमना मर गया।
इससे पहले आलम यह था कि सैकड़ों लोग भोले का जयकारा करते हुए लाइन में लगकर बकरी के बच्चे को देखने के लिए पहुंचते रहे। इस दौरान लोगों ने अच्छा-खासा पैसा भी चढ़ाया। कालीचरण के मुताबिक, उसने किसी को इस बारे में नहीं बताया था लेकिन जब कानों-कान यह खबर कस्बे में फैली, तो भीड़ पहुंचने लगी। मेमने को देखने पहुंचे प्रकाश गुप्ता के मुताबिक, हमारे लिए तो यह शिवजी का कोई अवतार ही था। कालीचरण के मुताबिक, शुक्रवार को मेमना मर गया। उसे उसी के जन्मस्थान पर दफन किया गया है। वहां एक छोटा-सा मंदिर चबूतरा बनवाया जाएगा।