कालाधन कांड: बेकार चला गया करोड़पति राज्यमंत्री का शक्तिप्रदर्शन

भोपाल। कटनी में हुए कालाधन को फर्जी खातों में जमा कराने के गोलमाल में निशाने पर आए राज्य मंत्री संजय पाठक ने कटनी की सड़कों पर अपना शक्तिप्रदर्शन किया। दावा किया गया कि करीब 30 हजार लोगों ने संजय पाठक के समर्थन में प्रदर्शन किया। बावजूद इसके सब किया धरा पानी हो गया। मीडिया में इस प्रदर्शन को वो सुर्खियां नहीं मिलीं जो एसपी गौरव तिवारी के समर्थन में हो रहे प्रदर्शनों को मिल रहीं हैं। संजय समर्थकों का कहना है कि उनका प्रदर्शन मीडिया हंटिंग का शिकार हो गया, वहीं संजय पाठक अब अपने प्रदर्शन की डीटेल्स और फुटेज अपने नजदीकी मीडियाकर्मियों तक पहुंचा रहे हैं ताकि सुर्खियां बनी रहें। 

मंत्री संजय पाठक का दावा है कि लोग अपनी मर्जी से प्रदर्शन में शामिल होने आए थे। शहर की सड़कें संजय समर्थकों से लबालब हो गईं थीं। हालात यह थे कि ग्रामीण इलाकों से आ रहे लोगों का शहर में प्रवेश बंद करना पड़ा था। 

इधर मीडियाकर्मियों का कहना है कि सबकुछ प्रायोजित था। यदि संजय पाठक का इतना ही जबर्दस्त समर्थन होता तो वह पहले ही दिन से दिखाई देता। 4 दिन शहर का बाजार बंद रहा, 8 दिन तक लगातार प्रदर्शन होते रहे। पुलिस यदि धारा 144 नहीं लगाती तो प्रदर्शन लगातार जारी रहते। ऐसे आंदोलन पर संजय पाठक का एक दिनी प्रायोजित प्रदर्शन भारी नहीं पड़ सकता। 

कांग्रेस नेता राजेन्द्र गुर्जर का कहना है कि इस तरह के प्रदर्शनकारी 150 रुपए प्रतिव्यक्ति की दर से थोक में मिल जाते हैं। नोटबंदी के कारण ये और भी सस्ते मिल रहे होंगे और संजय पाठक तो खुद खदान कारोबारी हैं। करीब 5000 मजदूरों का रैला तो उनके पास हमेशा रहता है। यदि संजय पाठक का इतना ही जबर्दस्त समर्थन है तो यह प्रदर्शन लगातार 10 दिन तक चलना चाहिए। सबसे बड़ा सवाल यह है कि हजारों समर्थकों का सैलाब होने के बावजूद संजय पाठक के विरोध में बाजार कैसे बंद हो गया। 

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